उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

जावित्री देवी के खेतों में लहलहा रही गेंदे की खेती, बदली परिवार की तस्वीर

हल्द्वानी के देवलचौड़ खाम की रहने वाली जावित्री देवी ने पारंपरिक खेती का मोह छोड़ फूलों की खेती कर रही है. जिससे उनकी आय में वृद्धि के साथ कम लागत में अच्छी खेती हो रही है.

जावित्री देवी के खेतों में लहलहा रही गेंदे की खेती.

By

Published : Oct 12, 2019, 12:30 PM IST

हल्द्वानी: कहते है कि दिल में कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो तमाम बाधाओं के बावजूद इंसान को अपनी मंजिल मिल ही जाती है. भले ही उसके लिए कई जतन क्यों न करने पड़े. वर्तमान में हल्द्वानी के देवलचौड़ खाम की रहने वाली जावित्री देवी ने पारंपरिक खेती का मोह छोड़कर फूलों की खेती कर रही है और इन दिनों उनके खेत-खलियानों में गेंदे के फूलों की खेती लहलहा रही है. जो उनकी आमदनी का स्रोत बना हुआ है.

जावित्री देवी के खेतों में लहलहा रही गेंदे की खेती.

पारंपरिक खेती छोड़ शुरू की फूलों की खेती

गौर हो कि हल्द्वानी के देवलचौड़ खाम के रहने वाले एक किसान परिवार पारंपरिक खेती को छोड़कर फूलों की खेती कर रहा है. जावित्री देवी का पूरा परिवार पहले धान, गेहूं और टमाटर का खेती करता था. लेकिन बदलते परिवेश में उन्होंने अपने आपको बदला और गेंदे के फूलों की खेती करना शुरू कर दिया. जिससे उनकी आय में वृद्धि के साथ कम लागत में अच्छी खेती हो रही है. वैसे जावित्री देवी का पूरा परिवार उत्तर प्रदेश बरेली का रहने वाला है. लेकिन हल्द्वानी में बटाईदार में खेत लेकर पारंपरिक खेती छोड़ अब गेंदे के फूलों का खेती कर रहा है.

पढ़ें-पंचायत चुनावः जानें- प्रदेश में दूसरे चरण के लिए कहां कितने फीसदी रहा मतदान

मंडियों से खूब आ रही डिमांड

जावित्री देवी का कहना है कि पिछले 4 सालों से वह गेंदे की खेती कर रही हैं और उनको इस खेती में काफी मुनाफा भी हो रहा है. जिसमें उनका पूरा परिवार साथ देता है. जावित्री देवी ने बताया कि उन्होंने अपने खेत में कोलकाता के मशहूर गेंदे के फूलों के बीजों को लगाया है. जिससे कम लागत में ज्यादा मुनाफा होता है. उन्होंने बताया कि उनके खेत के फूलों की डिमांड बरेली और हल्द्वानी की मंडियों से खूब आ रही है.जावित्री देवी के मुताबिक उनके फूल का रेट बाजार में 50 रुपये से लेकर 80 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहे हैं.

बदली परिवार की माली हालत

जावित्री देवी का कहना है कि पहले वह धान गेहूं और टमाटर की खेती किया करती थी जिसमें मुनाफा कम होता था. कभी मौसम की मार से खेती चौबट हो जाती थी. लेकिन अब धीरे-धीरे पारंपरिक खेती को कम कर अब गेंदे की खेती को बढ़ावा दिया गया है. उन्होंने कहा कि गेंदे के फूलों की खेती में उनको ज्यादा फायदा हो रहा है जिससे उनका परिवार की आर्थिक स्थिति दिनों- दिन बेहतर होती जा रही है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details