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जमरानी बांध प्रभावितों को किया जाएगा पराग फार्म में शिफ्ट - जमरानी बांध प्रभावितों को तीन श्रेणियों में बांटा

जमरानी बांध प्रभावितों को पराग फार्म में स्थानांतरित किया जाएगा. कुमाऊं कमिश्नर ने कहा कि उक्त भूमि पर जमरानी बांध प्रभावित परिवार रहने के लिए तैयार हैं. 15 दिन के भीतर खाका तैयार कर शासन को भेजा जाएगा.

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हल्द्वानी

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Published : Oct 8, 2021, 5:38 PM IST

Updated : Oct 8, 2021, 10:36 PM IST

हल्द्वानीःकेंद्र और प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजना जमरानी बांध परियोजना को लेकर शुक्रवार को कुमाऊं कमिश्नर सुशील कुमार की अध्यक्षता में हल्द्वानी के सर्किट हाउस में जमरानी प्रभावितों और अधिकारियों के साथ बैठक हुई. बैठक में कुमाऊं कमिश्नर ने कहा कि उधमसिंह नगर के पराग फार्म में विस्थापितों के लिए भूमि देखी गई है. उक्त भूमि पर जमरानी बांध प्रभावित परिवार रहने के लिए भी तैयार हैं.

शुक्रवार को कुमाऊं कमिश्नर सुशील कुमार की अध्यक्षता में जमरानी बांध संघर्ष समिति और अधिकारियों के बीच बैठक हुई. इस दौरान प्रभावितों ने कई अन्य मांगें भी सामने रखी जिस पर सुनवाई की गई. कमिश्नर ने कहा कि सभी मांगों को ध्यान में रखते हुए 15 दिन के भीतर खाका तैयार कर शासन को भेजा जाएगा, जिससे कि जमरानी बांध परियोजना में तेजी आ सके.

जमरानी बांध प्रभावितों को किया जाएगा पराग फार्म में शिफ्ट

कुमाऊं कमिश्नर ने कहा कि किसी भी प्रभावित को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा. क्षेत्र की जनता की सहमति से उन्हें सम्मानजनक विस्थापित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जमरानी परियोजना को क्रियान्वयन स्थिति में लाने के लिए विस्थापितों के साथ सहमति बनाई जा रही है. उन्होंने बताया कि लारा एक्ट के मुताबिक भूमि के बदले भूमि के साथ ही जमरानी अधिकारियों द्वारा दूसरा नकद धनराशि का प्रस्ताव भी क्षेत्र वासियों के समक्ष पेश किया गया है. जिसमें प्रभावितों को तीन श्रेणी में बांटा गया है.

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पहले श्रेणी वाले परिवार को 99.12 लाख, दूसरी श्रेणी के परिवार को 43 लाख और तीसरे श्रेणी वाले परिवार को 17 लाख 50 हजार रुपये दिए जाने का प्रस्ताव रखा गया है.

वहीं, बैठक में ग्रामीणों ने अपने कई अन्य मांगें भी रखी, ग्रामीणों ने मांग रखी कि उनके खेल पार्क के साथ-साथ उनके जानवरों के रहने के लिए जमीन दी जाए. इसके अलावा जिन लोगों की 50% से कम भूमि का नुकसान हो रही है, उनको मुआवजा ना देकर जमीन उपलब्ध कराई जाए. वहीं, कुमाऊं कमिश्नर ने कहा कि ग्रामीणों की भावना और उनकी मांगों को एक सप्ताह के भीतर शासन को भेजा जाएगा.

Last Updated : Oct 8, 2021, 10:36 PM IST

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