हल्द्वानी: उत्तराखंड में 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. हर कोई अपनी-अपनी तरह जनता को भरोसे में लेने में लगा है. मगर, इन सबके बीच भी कांग्रेस अपनी आंतरिक राजनीति में उलझी हुई है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने कांग्रेस प्रदेश प्रभारी को ट्वीट करते हुए लिखा कि राज्य में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करना चाहिए. जिसके ठीक उलट कुछ घंटे बाद नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का बयान आया है. उन्होंने कहा कांग्रेस में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की परंपरा नहीं है.
CM चेहरे के सवाल पर कांग्रेस में शुरू हुई अंतर्कलह. ये भी पढ़ें:कोरोना तय करेगा महाकुंभ-2021 का स्वरूप, जानिए क्यों?
नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा आज तक जितने भी चुनाव हुए हैं, प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में लड़े गए हैं हैं. फिर बहुमत साबित होने के बाद पार्टी किसी एक नेता को सत्ता की जिम्मेदारी देती है. यही नहीं इंदिरा ने कहा कि हरीश रावत को यह भी पता है कि जब उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया था, तब ऐसा ही हुआ था. हरीश रावत की मांग और इंदिरा हृदयेश के बयान के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि विधानसभा चुनाव 2022 से पहले एक बार फिर कांग्रेसी अपने आंतरिक मसलों में उलझ गई है.
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वहीं, झबरेड़ा से भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल का एक और विवादित ऑडियो वायरल होने पर पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा किसी भी संसदीय पद पर बैठे व्यक्ति को इस तरह की अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल शोभा नहीं देता. संसदीय व्यक्ति को अपनी मर्यादा में रहना चाहिए, जिससे कि जनता के बीच उसकी छवि अच्छी बनी रहे.