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इंदिरा हृदयेश: पढ़िए शिक्षक नेता से आयरन लेडी बनने का सफर - स्कूल प्रबंधक इंदिरा हृदयेश

डॉ.इंदिरा हृदयेश एक कुशल राजनीतिज्ञ के साथ-साथ शिक्षक भी थीं. इंदिरा हृदयेश 39 साल तक स्कूल प्रिंसिपल रहीं और वर्तमान में स्कूल प्रबंधक थीं.

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देहरादून

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Published : Jun 13, 2021, 6:47 PM IST

Updated : Jun 13, 2021, 7:32 PM IST

हल्द्वानीःनेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का दिल का दौरा पड़ने से दिल्ली निधन हो गया है. डॉ. इंदिरा हृदयेश का पूरा जीवन राजनीति को समर्पित रहा. बावजूद इसके बहुत से लोगों को पता नहीं ही नहीं कि कांग्रेस की कद्दावर नेता डॉ. इंदिरा हृदयेश एक अच्छे राजनीतिज्ञ के साथ-साथ एक अच्छी शिक्षक भी थीं. डॉ. इंदिरा हृदयेश ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत शिक्षक रहते शुरू की थी.

डॉ. इंदिरा हृदयेश हल्द्वानी के बनभूलपुरा स्थित ललित आर्य बालिका अशासकीय इंटर कॉलेज की सन 1962 से 2001 तक प्राचार्य के पद पर तैनात रहीं. 2001 में वो प्राचार्य के पद से सेवानिवृत हुईं. हालांकि वर्तमान में डॉ. इंदिरा हृदयेश स्कूल की प्रबंधक थीं. ऐसे में डॉ. इंदिरा हृदयेश के निधन से स्कूल प्रशासन भी सदमे में हैं.

रूप सिंह लमगड़िया, प्रवर सहायक अधिकारी, ललित आर्य बालिका इंटर कॉलेज

स्कूल की व्यवस्थाओं को पूरा किया

स्कूल प्रशासन का कहना है कि नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश के बदौलत आज स्कूल इतनी ऊंचाइयों तक पहुंचा है. इस स्कूल का हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का रिजल्ट 90% आता है. उनके प्राचार्य रहते स्कूल ने कई उपलब्धि हासिल की हैं. डॉ. इंदिरा हृदयेश के बदौलत स्कूल में व्यवस्थाओं में कोई कमी नहीं रहती थी.

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मदद के लिए आगे रहती थीं

स्कूल के प्रवर सहायक अधिकारी रूप सिंह लमगड़िया का कहना है कि डॉ. इंदिरा हृदयेश छात्राओं और टीचरों के अलावा कर्मचारियों से भी अच्छा व्यवहार रहता था. जब भी किसी को मदद की जरूरत पड़ती थी तो डॉ. इंदिरा हृदयेश उनको उपलब्ध कराती थीं.

धूमधाम से हुई थी विदाई

उन्होंने बताया कि 2001 में नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश को धूमधाम से रिटायरमेंट दी गई थी. रूप सिंह ने बताया ब्रिटिश काल के दौरान स्कूल अस्तबल हुआ करता था. लेकिन नेता प्रतिपक्ष ने शुरुआती दिनों में इसको जूनियर हाई स्कूल बनाया. जिसके बाद इसको इंटर की मान्यता मिली.

Last Updated : Jun 13, 2021, 7:32 PM IST

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