हल्द्वानी: उत्तराखंड वन अनुसंधान केंद्र ने रानीखेत के कालिका में देश का पहला फॉरेस्ट हीलिंग केंद्र खोला है, जहां आप हीलिंग चिकित्सा पद्धति के माध्यम से लोग उपचार ले सकते हैं. यह केंद्र लगभग 13 एकड़ में फैला हुआ है. यहां होने वाला उपचार प्राचीन भारतीय परंपराओं की चिकित्सा पद्धति पर आधारित है.
वन अनुसंधान केंद्र के निदेशक संजीव चतुर्वेदी ने बताया कि फॉरेस्ट हीलिंग सेंटर उत्तराखंड वन विभाग के अनुसंधान विंग द्वारा विकसित किया गया है, जो जंगलों की चिकित्सा गुणों पर एक शोध, समग्र स्वास्थ्य और कल्याण पर इसके पुन: प्रभावकारी प्रभाव पर आधारित है. इसमें वन वॉकिंग, ट्री हगिंग, फॉरेस्ट मेडिटेशन और स्काई गेजिंग जैसी कई गतिविधियां शामिल हैं.
हीलिंग सेंटर के माध्यम से पेड़ों के विशिष्ट आणविक कंपन पैटर्न के कारण, पेड़ के गले लगने से ऑक्सीटोसिन, सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे अच्छे सद्भाव के उत्पन्न से इंसान के जीवन पर बहुत लाभकारी और सुखद प्रभाव है. भारतीय परंपराओं और जापानी तकनीकी से प्रेरणा लेते हुए इस हीलिंग सेंटर की स्थापना की गई है. यह चिकित्सा केंद्र देवदार के जंगल में स्थापित किया गया है. क्योंकि विभिन्न अध्ययनों में पाया गया है कि पाइन के पेड़ों की तरह शंकुधारी देवदार कुछ तेल यौगिकों को अपने आप को विभिन्न रोगाणुओं और रोगजनकों से बचाने के लिए उत्सर्जित करते हैं, जिन्हें फाइटोनसाइड्स कहा जाता है.