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निजीकरण के विरोध में 2 मई को सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरेंगे IMPCL कर्मचारी - nainital news

इंडियन मेडिसिन्स फार्मास्युटिकल कॉपोर्रेशन (आईएमपीसीएल) कंपनी को भारत सरकार द्वारा निजी हाथों में दिए जाने का विरोध जोर पकड़ने लगा है. आईएमपीसीएल के कर्मचारी संघ ने इसके विरोध में 2 मई से धरने पर बैठने का निर्णय लिया है.

निजीकरण के विरोध में 2 मई को सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरेंगे IMPCL कर्मचारी

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Published : May 1, 2019, 6:04 AM IST

नैनीताल:1978 में आईएमपीसीएल की स्थापना जनपद अल्मोड़ा के मोहान क्षेत्र में की गई थी. जिसका उद्देश्य पहाड़ी एवं पिछड़े क्षेत्र का विकास और कमजोर वर्ग के व्यक्तियों को रोजगार देना तथा पहाड़ों में पाई जाने वाली अधिकांश जड़ी बूटियों से उच्च गुणवत्ता की औषधियों का निर्माण का राज्य सरकार के औषधालयों में आपूर्ति करना था.


लेकिन, जब से यह कंपनी स्थापित हुई है तब से निरंतर लाभ में है. बावजूद इसके भारत सरकार ने इसका निजीकरण करने का मन बना लिया है. इसके चलते बीते 13 अप्रैल को टेंडर प्रकाशित हो चुके हैं. जो 18 मई को खुलने वाले हैं. इसे लेकर आईएमपीसीएल के कर्मचारी संघ ने विरोध जताया है.


कर्मचारियों का कहना है कि निरंतर लाभ देने वाली कंपनी को निजी हाथों में बेचना उचित नहीं है. क्योंकि 5 हजार व्यक्ति अपनी आजीविका के लिए इस कंपनी पर निर्भर है. जबकि निगम की विनिवेश प्रक्रिया में शेयर परचेज एग्रीमेंट में कर्मचारियों के लिए मात्र एक वर्ष की सर्विस का प्रावधान किया गया है. उसके बाद छंटनी की छूट खरीदार को दे दी गई है. जो कि सर्विस नियमावली एवं मानव अधिकारों का उलंघन है.

निजीकरण के विरोध में 2 मई को सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरेंगे IMPCL कर्मचारी


आईएमपीसीएल के एसडी प्रदीप कुमार प्रजापति का कहना है कि कंपनी के निजीकरण होने के बाद कंपनी प्रबंधन एक वर्ष के बाद कभी भी किसी भी कर्मचारी को निकाल सकती है. जिस वजह से कंपनी में काम करने वाले कई कर्मचारियों पर बेरोजगारी की तलवार लटक रही है. इसका विरोध करते हुए कर्मचारी संघ ने 2 मई को कंपनी के गेट पर धरना देने का निर्णय लिया है.

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