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Moti Elephant: सेना के इंजीनियरों ने स्लिंग के सहारे 'मोती' को पैरों पर किया खड़ा, अब होगा इलाज - रामनगर लेटेस्ट न्यूज

आखिरकार भारतीय सेना के इंजीनियरों की मेहनत रंग लाई और रामनगर में तड़प रहा हाथी मोती अपने पैरों पर खड़ा हो पाया. ऐसे में अब मोती का अच्छे से इलाज हो पाएगा. मोती की कई पैर में चोट लगने के कारण खड़ा नहीं हो पा रहा था, जिस कारण उसका इलाज करने में परेशानी आ रही थी.

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Published : Feb 7, 2023, 9:06 PM IST

रामनगर:भारतीय सेना के इंजीनियरों ने स्लिंग का इस्तेमाल कर गंभीर रूप से घायल हाथी 'मोती' को सुरक्षित खड़ा कर दिया है. चोट के चलते मोती की हालत गंभीर बनी हुई है, जिसे बचाने के लिए एनजीओ की मेडिकल टीम ने प्राथमिकता से इलाज शुरू कर दिया है. मोती के अगले पैर में फ्रैक्चर हो गया है और एक सप्ताह से अधिक समय से पैरों के पैड घिस चुके हैं.

उत्तराखंड के रुड़की से सेना के करीब 35 जवान लेफ्टिनेंट कर्नल प्रतीक गुप्ता के नेतृत्व में सोमवार को रामनगर पहुंचे थे, जहां उन्होंने हाथी के खडे़ होने के लिए एक स्ट्रक्चर बनाया, जिसकी मदद से मोती हाथी खड़ा हो पाया है. वहीं अब एनजीओ की मेडिकल टीम ने हाथी का उपचार शुरू कर दिया है. करीब 17 दिनों के बाद हाथी अपने पैरों पर खड़ा हो पाया है.
पढ़ें-Army Help Elephant: पैरों में इंफेक्शन के चलते 'मोती' हुआ लाचार, अब मदद कर रहे सेना के जवान

बता दें कि कुछ साल पहले बिहार के हाथी मोती और हथनी रानी को उत्तराखंड के रामनगर के सांवल्दे लाया गया था. हाथियों के केयर टेकर इमाम अख्तर ने अपनी करोड़ों रुपए की सपत्ति भी इन्हीं के नाम कर दी थी. कुछ समय पहले ही इमाम की हत्या कर दी गई थी. इमाम की हत्या के बाद दोनों हाथी अनाथ है. वहीं, कुछ दिनों पहले हाथी मोती के पैर में चोट लग गई थी, जिसके कारण वो चल फिर नहीं पा रहा था. ऐसे में घाव गंभीर होता जा रहा है. ऐसे में बेजुबान हाथी की मदद के लिए कई लोग आगे आए.

वाइल्ट लाइफ एक्सपर्ट और हाथियों के संरक्षक इमरान खान ने हाथी मोती की मदद के लिए वाइल्ट लाइफ चीफ समीर सिन्हा के जरिए एसआरएस यूपी से बीत की. लेकिन समस्या यह था कि एसआरएस में ले जाने के लिए हाथी को उसके पैरों पर खड़ा करना जरूरी था. इसके लिए इमरान खान ने सेना से मदद मांगी. सेना के अधिकारियों ने रुड़की से इंजीनियरों की एक टीम रामनगर भेजी है, जिनकी मदद से आज हाथी खड़ा हो पाएगा.

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