हल्द्वानीः कुमाऊं के प्राकृतिक जल स्रोतों, नदियों और झीलों में हो रहे प्रदूषण की निगरानी जल्द प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को मिल सकती है. जिसको देखते हुए प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड कुमाऊं ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को प्रस्ताव भेजा है, जिस पर जल्द कोई फैसला हो सकता है. वहीं समय के साथ पर्यटन में एक अहम भूमिका निभाने वाली झीलों, नदियों और अनेक प्राकृतिक जल स्रोतों का जलस्तर लगातार घट रहा है.
कुमाऊं के गौला नदी, सरयू नदी समेत अनेक प्राकृतिक जल स्रोतों के अलावा सातताल और नैनीताल सहित अन्य जिलों में फैल रहे प्रदूषण की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाए जा सकते हैं. हल्द्वानी स्थित कुमाऊं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राज्य और केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को एक प्रस्ताव भेजा है. जिसमें यह आशंका जताई जा रही है कि पर्यटन में एक बड़ी भूमिका निभाने वाली झीलों, बड़ी नदियों और अनेक प्राकृतिक जल स्रोतों का जलस्तर लगातार घट रहा है और इनके पानी में प्रदूषण की मात्रा भी बढ़ रही है.
लिहाजा जरूरी है कि जल्द से जल्द सभी झीलों, नदियों और प्राकृतिक जल स्रोतों से प्रदूषण की स्थिति को नापा जाए, जिससे आने वाले दिनों में किसी बड़ी परेशानी से बचा जा सके. वहीं कुमाऊं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी आरके चतुर्वेदी के अनुसार अभी हाल में नैनीताल, भीमताल झील समेत गौला नदी की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है.
इन तीनों में पानी की क्वालिटी अभी तक ए कैटेगरी की पाई गई है. लेकिन सबसे बड़ी ध्यान देने वाली बात यह है कि कुमाऊं के अंदर जो सबसे बड़ी सर्विस वाटर बॉडी है, उसमें प्रदूषण की मात्रा कहां तक पहुंच चुकी है. कहीं इन जरूरतों में प्रदूषण की मात्रा मानकों को पार तो नहीं कर रही है, यदि ऐसा हुआ तो इसके लिए आने वाले समय के हिसाब से उसी तरफ से प्लानिंग तय की जाएगी.