नैनीताल: 'आसमानी आफत' से किसानों की कमर टूटती जा रही है. नैनीताल जिले में ओलावृष्टि से फलों की खेती 90 प्रतिशत से अधिक बर्बाद हो गई है. भले ही पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी और ओलावृष्टि से पर्यटक आकर्षित हो रहे हैं लेकिन मौसम की बेरूखी किसानों के लिए भारी पड़ रही है. बर्फबारी और ओलावृष्टि ने नैनीताल के रामगढ़, मुक्तेश्वर समेत आसपास के इलाकों में बुरा असर डाला है. अचानक हुई ओलावृष्टि से आड़ू, पुलम, खुमानी, नाशपाती और सेब की फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गईं. ओले की वजह से पेड़ों को बीमारियां लग रही हैं. किसानों की मानें तो हर साल उनके द्वारा करीब 2 हजार पेटी फल बेचा जाता था, मगर इस बार ओलावृष्टि की वजह से उनके सामने खाने का संकट पैदा हो रहा है.
'आसमानी आफत' से किसानों की कमर टूटी, फलों पर पड़ा बुरा असर
नैनीताल में ओलावृष्टि से फलों की खेती 90 प्रतिशत से अधिक बर्बाद हो गई, जिसकी वजह से किसानों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो रहा है.
'आसमानी आफत' से किसान परेशान
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नैनीताल का रामगढ़, मुक्तेश्वर क्षेत्र पूरे भारत में अपने पहाड़ी फलों के लिए प्रसिद्ध हैं. इन क्षेत्रों में सेब, आड़ू, पुलम देश के कोने- कोने तक भेजे जाते हैं. इन्हीं फसलों की वजह से स्थानीय किसानों की रोजी-रोटी चलती है.