उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

सर्व पितृ अमावस्या: इस दिन भूल-चूक की भरपाई के लिए करें पितरों का पिंडदान, मिलेगा आशीर्वाद - Haldwani News

सर्व पितृ अमावस्या के दिन सभी पितरों का श्राद्ध किया जाता है. इस दिन पितरों का श्राद्ध करने से घर में सुख समृद्धि में वृद्धि होती है. साथ ही इस पितरों का पिंडदान करने वह आपकी सभी भूल चूक को भी माफ कर देते हैं.

haldwani news
पितृपक्ष 2021

By

Published : Sep 29, 2021, 10:24 AM IST

Updated : Sep 29, 2021, 10:40 AM IST

हल्द्वानी:सर्व पितृ अमावस्या का हिन्दू धर्म में खास महत्व हैं. इसे पितृ विसर्जन अमावस्या या सर्व पितृ अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. इस वर्ष अमावस्या 6 अक्टूबर को पड़ रही है. शास्त्रों के अनुसार सर्व पितृ अमावस्या पक्ष का आखिरी दिवस होता है. मान्यता है कि इस दिन मृत्यु लोक से आए पितर वापस लौट जाते हैं. पितृ विसर्जन अमावस्या में लोग श्रद्धा से अपने पितरों को विदा करते हैं और आशीर्वाद मांगते हैं.

ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक इस बार पितृ विसर्जन हस्त नक्षत्र ( गज छाया) योग में पड़ रहा है. उस दिन सभी पूर्वजों या पितरों का श्राद्ध किया जाता है, जिनकी मृत्यु की तिथि का पता नहीं हो या फिर याद नहीं हो तो पितृ अमावस्या के दिन उनका तर्पण कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि अमावस्या तिथि 5 अक्टूबर शाम 7 बजे से शुरू होकर 6 अक्टूबर को दोपहर 4:34 तक रहेगा. धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन पूर्वज अपने प्रिय जनों के मनोकामनाएं लेकर आते हैं अगर उन्हें पिंडदान नहीं मिलते हो वह नाराज हो जाते हैं.

ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी .

पढ़ें-गंगा स्वच्छता का संदेश लेकर ग्लेशियर-पहाड़ पार कर रहे दो बुजुर्ग, रचेंगे कीर्तिमान

जिससे परिवार में कलह और अशांति हो सकती है, ऐसे में पितृ अमावस्या के दिन अपने पूर्वजों का पिंडदान अवश्य करें. पिंड दान करने से (गया) मे किए गए पिंडदान के बराबर महत्व माना जाता है. पिंड दान, तर्पण, गो ग्रास, दान-पुण्य करने से पितृ खुश होकर अपने स्वजन की मनोकामनाएं पूरी करते हैं.मान्यता के अनुसार जो व्यक्तिगत गज छाया योग में अपने पितृरों का श्राद्ध करता है, उसे कर्ज से मुक्ति और जीवन में अपार सफलता के साथ-साथ धन धान्य की प्राप्ति होती है.

सर्व पितृ अमावस्या का महत्व:सर्व पितृ अमावस्या के दिन सभी पितरों का श्राद्ध किया जाता है. इस दिन पितरों का श्राद्ध करने से घर में सुख समृद्धि में वृद्धि होती है. हर माह की अमावस्या को पिंडदान किया जाता है, लेकिन अश्विन मास की अमावस्था का अधिक लाभ मिलता है. मान्यता के अनुसार इस दिन पूर्वज अपने प्रियजनों के मनोकामनाएं लेकर आते हैं और खुश होकर उन्हें सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.

Last Updated : Sep 29, 2021, 10:40 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details