रामनगरः प्रसिद्ध कॉर्बेट नेशनल पार्क के लैंडस्केप एरिया में लगातार बन रहे होटल और रिसॉर्ट्स के कारण बाघों का कोसी नदी में पानी पीने के लिए जाने का गलियारा (रास्ता) संकट में है. ऐसे में बाघों को कोसी नदी में जाने के लिए पास के सटे गांव से होकर गुजरना पड़ रहा है. जिसके चलते बाघ और इंसानों के बीच संघर्ष देखने को मिल रहा है. इस संघर्ष में कभी-कभी दोनों की ही जान चली जाती है.
आंकड़े के मुताबिक, तराई पार्क लैंडस्केप में करीब 18 बाघ पानी पीने के लिए गलियारों का इस्तेमाल करते थे. लेकिन होटलों के निर्माण के बाद कोसी नदी में जाने का रास्ता बंद हो गया है. जिससे बाघों को अपना रास्ता गांव से होकर बनाना पड़ा है. माना जा रहा है कि होटलों और रिसॉर्ट्स के निर्माण पर लगाम न लगाई गई तो बाघों का कोसी नदी में आजादी से घूमना बाधित हो जाएगा.
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बाघ और इंसान के बीच संघर्ष बढ़ने का असर सीधे कॉर्बेट पार्क की जैव विविधता पर पड़ेगा. जिसे लेकर वन्य जीव प्रेमी भी चिंतित हैं. उनका कहना है कि ऐसे ही होटलों और रिसॉर्ट्स का अवैध निर्माण होता रहा तो निश्चित तौर पर बाघों का अस्तित्व खतरे में आ जाएगा. लिहाजा, इन्हें बचाने के उपाए ढूंढें जाए और अवैध होटलों व रिसॉर्ट्स का ध्वस्तीकरण किया जाए.