नैनीताल: उधमसिंह नगर के जसपुर में जाम लगाकर लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत करने के मामले में सेशन जज उधम सिंह की अदालत ने शिक्षामंत्री अरविंद पांडेय समेत 24 अन्य के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए थे, जिसपर नैनीताल हाईकोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है. कोर्ट ने सरकार को भी 4 हफ्तों में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है. अक्टूबर 2019 में सरकार की ओर से मुकदमा वापसी के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया था, जिसपर सुनवाई के बाद कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया था.
निचली अदालत के आदेश के बाद उधमसिंह नगर निवासी महाराज सिंह सहित तीन लोगों ने अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने और गैर जमानती वारंट को खारिज करने को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. याचिका पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के न्यायाधीश नारायण सिंह धनिक की एकल पीठ ने मामले में शामिल सभी 24 लोगों को बड़ी राहत देते हुए जमानती वारंट को खारिज करते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे समेत 24 लोगों को बड़ी राहत. गौर हो कि जून 2012 में जसपुर में एक युवती को दूसरे समुदाय का युवक भगा ले गया था. 26 जून को मामले में जसपुर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई. 15 जुलाई 2012 को युवती की बरामदगी की मांग को लेकर आरोपी नेताओं ने स्थानीय लोगों के साथ जसपुर के सुभाष चौक पर जाम लगाकर हाईवे बाधित कर दिया था.
ये भी पढ़ें:उत्तराखंड में सड़क हादसों पर चौंकाने वाली रिपोर्ट, ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ी हादसों की 'रफ्तार'
इस मामले में तत्कालीन कोतवाल जेसी पाठक की तहरीर पर गदरपुर विधायक (वर्तमान में शिक्षा मंत्री) अरविंद पांडे, काशीपुर विधायक हरभजन सिंह चीमा, पूर्व सांसद बलराज पासी, रुद्रपुर विधायक राजकुमार ठुकराल, आदेश चौहान (वर्तमान में जसपुर विधायक), खिलेंद्र चौधरी, अजय कुमार, सीमा चौहान, शीतल जोशी समेत 15 लोगों को नामजद करते हुए अन्य के खिलाफ सरकारी कामकाज में बाधा डालने और धार्मिक उन्माद फैलाने के आरोप में केस दर्ज किया गया था.