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को-ऑपरेटिव बैंक में गबन का मामला, HC ने गृह सचिव और काशीपुर कोतवाल से मांगी रिपोर्ट

2012 में काशीपुर के को-ऑपरेटिव बैंक में तीन करोड़ रुपए के गबन का मामला सामने आया था. जिसका आरोप बैंक मैनेजर पर लगा था. हालांकि, पुलिस इस मामले में पहले ही बैंक मैनेजर को क्लिन चिट दे चुकी है. अब हाई कोर्ट ने इस मामले में गृह सचिव और काशीपुर कोतवाली को रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं.

High court
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Published : Nov 24, 2020, 7:44 PM IST

नैनीताल: काशीपुर के को-ऑपरेटिव बैंक में मैनेजर द्वारा किए गए करोड़ों के गबन मामले पर नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने इस मामले में प्रदेश के गृह सचिव और कोतवाल काशीपुर को 2 सप्ताह के भीतर विस्तृत जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

काशीपुर के को-ऑपरेटिव बैंक में बैंक मैनेजर रईस अहमद ने करीब 2500 खाता धारकों के साथ तीन करोड़ रुपए का गबन किया था. इसी मामले पर मंगलवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने गृह सचिव और कोतवाल काशीपुर को जहां दो सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. वहीं, कोर्ट ने बैंक खाता धारकों के खातों की विस्तृत रिपोर्ट 1 सप्ताह के भीतर पेश करने के आदेश दिए हैं.

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बता दें कि काशीपुर निवासी अकरम अली ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि को-ऑपरेटिव बैंक काशीपुर के मैनेजर रईस अहमद ने 2012 में करीब 2500 खाताधारकों के खातों से करीब 3 करोड रुपए से अधिक का गबन किया गया था. जब खाता धारकों ने इस मामले की शिकायत बैंक के एमडी से की तो मैनेजर रईस अहमद ने एमडी को भी जान से मारने की धमकी दी. और एमडी से जबरन एनओसी पर साइन करवा लिए. जिसके बाद राज्य सरकार के द्वारा बैंक के एमडी को गलत तरीके से एनओसी देने के मामले पर निलंबित कर दिया गया.

पुलिस ने एमडी की एनओसी के आधार पर मैनेजर रईस अहमद को क्लीन चिट दे दी थी. लिहाज, इस पूरे मामले की जांच सीबीआई और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा कराई जाए. ताकि घोटाले के आरोपी पर कार्रवाई हो सके और खाताधारकों को उनका पैसा वापस मिल सके.

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