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ट्रांसजेंडर से दुष्कर्म के मामले में हुई सुनवाई, हाई कोर्ट ने SSP से मांगा जवाब

नैनीताल हाई कोर्ट के न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की एकल पीठ ने एसएसपी पौड़ी को एक सप्ताह के भीतर अपना विस्तृत जवाब व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.

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Published : Aug 17, 2019, 2:48 PM IST

नैनीताल हाई कोर्ट.

नैनीताल: कोटद्वार में ट्रांसजेंडर से रेप का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है. आरोपी द्वारा पीड़ित को जान से मारने और उसे झूठे केस में फंसाने के मामले में नैनीताल हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की एकल पीठ ने एसएसपी पौड़ी को एक सप्ताह के भीतर अपना विस्तृत जवाब व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.

बता दें कि कोटद्वार में पिछले साल ट्रांसजेंडर के साथ एक युवक ने दुष्कर्म किया था, जिसके बाद ट्रांसजेंडर ने कोटद्वार कोतवाली में आरोपी के खिलाफ मुकदमा दायर किया था, लेकिन पुलिस द्वारा आरोपी के खिलाफ धारा 377(अप्राकृतिक यौन उत्पीड़न) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसको पीड़ित के द्वारा नैनीताल हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी. साथ ही कहा कि उन्होंने अपना जेंडर चेंज करा लिया है, लिहाजा उनके मामले को महिला की तरह से लिया जाए. लेकिन पुलिस पीड़ित को महिला मानने से इनकार कर रही है.

हाई कोर्ट ने एसएसपी को एक सप्ताह में व्‍यक्तिगत रूप से जवाब पेश करने के दिए आदेश.

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जबकि पूर्व में नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने पीड़ित को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर महिला माना था. जिसके बाद कोटद्वार पुलिस द्वारा आरोपी को रेप के मामले में गिरफ्तार किया गया था. वहीं गिरफ्तार होने के कुछ समय बाद से आरोपी पीड़ित को जान से मारने और झूठे केस में फंसाने की धमकी दे रहा था. जिसको लेकर पीड़ित ने कोटद्वार कोतवाली में तहरीर दी, लेकिन कोतवाली में तैनात सब इंस्पेक्टर अरविंद पंवार ने उनके मामले में बगैर जांच किए ही जांच अपेक्षित नहीं है लिख दिया.

याचिकाकर्ता ने मुख्यमंत्री पोर्टल में भी अपनी शिकायत दर्ज की और शिकायत दर्ज होने के बाद आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. साथ ही पीड़ित का कहना है कि विभाग द्वारा उनके मामले की जांच उसी अधिकारी से करवाई जा रही है, जिसने जांच से पहले ही जांच अपेक्षित नहीं है लिखा था. जिसको लेकर याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की और कहा कि उनको पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं है, लिहाजा उनके मामले की जांच सीबीसीआईडी से करवाई जाए.

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