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छात्रवृत्ति घोटाला: देहरादून और हरिद्वार SSP से हाईकोर्ट नाराज, कारण बताओ नोटिस जारी - देहरादून और हरिद्वार के एसएसपी को नोटिस जारी

छात्रवृत्ति घोटाले मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने देहरादून और हरिद्वार के एसएसपी को कारण बताओ नोटिस भेजा है. साथ ही सचिव समाज कल्याण को से फरवरी तक विस्तृत जवाब मांगा है.

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नैनीताल हाईकोर्ट

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Published : Jan 7, 2020, 11:33 AM IST

नैनीतालः बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले मामले में हाईकोर्ट ने हरिद्वार और देहरादून के एसएसपी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने दोनों जिलों के एसएसपी से पूछा है कि कोर्ट के आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया? क्यों न मामले में अवमानना की कार्रवाई की जाए? साथ ही कोर्ट ने सचिव समाज कल्याण को 10 फरवरी तक विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है.

छात्रवृत्ति घोटाले मामले में देहरादून और हरिद्वार के एसएसपी को नोटिस जारी.

गौर हो कि पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने हरिद्वार और देहरादून के एसएसपी को छात्रवृत्ति घोटाला मामले में प्रगति रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए थे. इसके बावजूद भी हरिद्वार और देहरादून के एसएसपी ने मामले में कोई रिपोर्ट कोर्ट में पेश नहीं की. जिसपर मुख्य न्यायधीश की खंडपीठ ने नाराजगी जताते हुए दोनों एसएसपी के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं.

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उधर, उच्च अधिकारियों के बच्चों को दी जा रही छात्रवृत्ति के मामले में राज्य सरकार ने कोर्ट में अपना जवाब पेश किया है. जिसमें सरकार ने कोर्ट को बताया कि छात्रवृत्ति का लाभ लेने वाले उच्चाधिकारियों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं. वहीं, मामले पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने सचिव समाज कल्याण को मामले की प्रगति रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को कहा है.

बता दें कि देहरादून निवासी राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा है कि समाज कल्याण विभाग ने साल 2003 से अब तक अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों का छात्रवृत्ति का पैसा नहीं दिया है.

जिससे स्पष्ट होता है कि साल 2003 से अब तक विभाग की ओर से करोड़ों रुपये का घोटाला किया गया है, जबकि साल 2017 में इसकी जांच के लिए पूर्व मुख्यमंत्री ने एसआईटी गठित की थी और 3 महीने के भीतर जांच पूरी करने को कहा था, लेकिन आगे की कार्रवाई नहीं हो सकी है. वहीं, याचिकाकर्ता ने मामले में सीबीआई जांच की मांग की है.

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