उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

बिना परीक्षण मीट बेचने के मामले पर सुनवाई, हाईकोर्ट ने खाद्य सुरक्षा विभाग और दून नगर निगम को किया तलब - हाईकोर्ट ने देहरादून नगर निगम को किया तलब

देहरादून में बिना परीक्षण के दुकानों में मांस बेचे जाने के खिलाफ दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई की. मामले में हाईकोर्ट ने खाद्य सुरक्षा विभाग और देहरादून नगर निगम को 16 अप्रैल को कोर्ट में जवाब पेश करने को कहा है. मामले में अगली सुनवाई 16 अप्रैल को होगी.

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : Mar 24, 2023, 5:56 PM IST

नैनीताल:उत्तराखंड हाईकोर्ट ने देहरादून में मटन और चिकन की दुकानों में बिना परीक्षण मांस बेचने के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने नगर निगम देहरादून और खाद्य सुरक्षा विभाग को नोटिस जारी कर 16 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 16 को होगी.

बता दें कि इस मामले में देहरादून निवासी विकेश सिंह नेगी ने नैनीताल उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने बताया था कि देहरादून का एकमात्र स्लॉटर हाउस 4 साल पहले बंद हो चुका है. मीट शॉप में बिना खाद्य सुरक्षा विभाग की जांच के पशुओं का मांस बेचा जा रहा है. बकरा और चिकन कहां काटा जा रहा है और कहां से आ रहा इससे नगर निगम और खाद्य सुरक्षा विभाग बेखबर है.
ये भी पढ़ें:चंबा पुलिस ने नशे के खिलाफ चलाया अभियान, डेढ़ किलो चरस के साथ तीन तस्कर गिरफ्तार

विकेश ने याचिका में यह भी कहा कि दून में बने बूचड़खाने को साल 2018 में बंद कर दिया गया था. उस समय से देहरादून में बिना खाद्य सुरक्षा विभाग की जांच के चिकन और मटन बेचा जा रहा है. याचिकाकर्ता का कहना है कि खाद्य सुरक्षा विभाग और देहरादून नगर निगम राजधानी में लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है. देहरादून के लोग नगर निगम और खाद्य सुरक्षा विभाग के बीच पिस रहे हैं. मांस की गुणवत्ता के सवाल पर निगम और खाद्य सुरक्षा विभाग एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. जब याचिकाकर्ता ने आरटीआई मांगी तो खाद्य सुरक्षा विभाग और देहरादून नगर निगम एक दूसरे के ऊपर आरोप प्रत्यारोप लगाने लगे.

खाद्य सुरक्षा विभाग ने कहा यह जिम्मेदारी नगर निगम की है. क्योंकि निगम ही दुकानों का आवंटन करता है और किराया लेता है. वहीं, निगम का कहना है कि खाद्य सुरक्षा विभाग इनका लाइसेंस देता है. इसलिए जांच करने की जिम्मेदारी भी इन्ही की. जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की है कि निगम द्वारा 2016 में बनाये गए नियम जिसमें बकरे और चिकन को जांच कर स्वस्थ पशुओं को स्लाटर हाउस में कटने का प्रावधान था, उसे लागू किया जाए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details