नैनीताल: हाईकोर्ट में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध निर्माण के मामले में दायर दो अलग-अलग जनहित याचिकाओं की एक साथ सुनवाई हुई. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा एवं न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के लिए 28 फरवरी का दिन मुकर्रर किया है.
देहरादून निवासी अनु पंत ने जनहित याचिका के जरिए कहा कि जिस अधिकारी को उत्तर प्रदेश शासन द्वारा 1999 में विजिलेंस रिपोर्ट में दोषी पाया गया था, जिस पर जंगली जानवरों की खाल की खरीद-फरोख्त जैसे गंभीर अपराधों की पुष्टि हुई थी, साथ ही यह स्पष्ट निर्णय लिया गया था कि ऐसे अधिकारी को किसी भी संवेदनशील जगह पर तैनाती नहीं दी जाएगी. उसी वन प्रभागीय अधिकारी किशन चंद को कालागढ़, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व जैसे अति संवेदनशील स्थान में तैनाती दी गई.
इसके उपरांत जब कॉर्बेट पार्क में अवैध निर्माण की गतिविधियां शुरू हुईं और राष्ट्रीय टाइगर संरक्षण प्राधिकरण द्वारा जांच रिपोर्ट दायर की गई, उसमें भी वन प्रभागीय अधिकारी किशन चंद को इस पूरे अवैध निर्माण के लिए दोषी पाया गया. इसके बाद हाईकोर्ट के दिशा-निर्देश में उच्च स्तरीय समिति गठित की गई.