नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर दायर हवालबाग अल्मोड़ा निवासी जितेंद्र यादव की जनहित याचिका पर सुनवाई की. हाईकोर्ट ने कूड़े का निपटान पृथक्कीकरण सोर्स पर ही करने के निर्देश दिये. याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में हुई.
हाईकोर्ट ने सरकार को दिया ये निर्देश: खंडपीठ ने सरकार को निर्देश दिए कि जैविक और अजैविक कूड़े का पृथक्कीकरण कूड़े के सोर्स पर ही किया जाए. इस हेतु नगर निकाय और पंचायतें बायलॉज बनायें. हाईकोर्ट ने कहा कि जिन क्षेत्रों में कूड़ा निस्तारण हेतु अब तक कॉम्पेक्टर नहीं लगे हैं, वहां तुरन्त कॉम्पेक्टर लगाए जाएं. नगर निकाय शहरों की नालियों की सफाई करना सुनिश्चित करें.
नक्शों के धुंधलेपन पर हाईकोर्ट ने जताया असंतोष: हाईकोर्ट ने स्वच्छता को लेकर हाईकोर्ट की बेवसाइट में अपलोड हो रहे नक्शों के धुंधलेपन पर असन्तोष व्यक्त किया. सचिव वन और सचिव राजस्व को निर्देश दिए कि इन नक्शों की गुणवत्ता ठीक की जाए. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिए गए हैं कि प्लास्टिक निर्माता कम्पनियों के पंजीकरण की स्थिति के बारे में बताएं. साथ ही इन कम्पनियों के वेस्ट मैनेजमेंट व कूड़ा एकत्र करने के लक्ष्य की जानकारी भी दें. साथ ही अर्थदंड वसूलने के ब्यौरा भी दें.
स्वयं सेवियों को दिया मॉनिटरिंग का जिम्मा: इधर आज सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से शपथ पत्र देकर बताया गया कि सभी गांवों में कूड़ा उठाने की व्यवस्था कर दी गई है. हाईकोर्ट ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के स्वयं सेवियों से कोर्ट के आदेशों की मॉनिटरिंग करने को कहा है. इसके साथ ही प्रत्येक तिथि को कोर्ट में रिपोर्ट देने को कहा है. जिसमें प्रशासनिक मशीनरी द्वारा कोर्ट के आदेश का पालन होने अथवा न होने का ब्यौरा देना होगा. इस मामले की अगली सुनवाई अब 15 सितंबर को होगी.
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कौशल विकास योजना में गड़बड़ी पर नोटिस: उधर एक अन्य मामले की सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट नेकौशल विकास योजना में गड़बड़ी के केस में प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है. हल्द्वानी आवास विकास कॉलोनी निवासी एहतेशाम हुसैन खान की ओर से दायर जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने सुनवाई की. याचिकाकर्ता ने कहा कि उत्तराखंड में केन्द्र सरकार के सहायतित कौशल विकास योजना में कोविड महामारी के दौरान गड़बड़ी की गयी है. मार्च से नवंबर 2020 के बीच बिना प्रशिक्षण के लगभग 70 करोड़ की धनराशि हड़प ली गयी. प्रदेश सरकार दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.अदालत ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए याचिकाकर्ता को निजी कंपनियों और एनजीओ को पक्षकार बनाने और सरकार को नोटिस जारी किया है.