नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य में पशुओं के इलाज के नाम पर हो रही पशुओं से क्रूरता के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने सरकार समेत इंडियन वेटरनरी काउंसिल व राज्य वेटरनरी काउंसिल के साथ सीईओ पशु कल्याण बोर्ड को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है. साथ ही कोर्ट ने इस अवधि में रजिस्टर्ड वेटरनरी डॉक्टर द्वारा ही जानवरों का इलाज करने के निर्देश जारी किए हैं. मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय मिश्रा व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ में हुई.
मामले के मुताबिक, नैनीताल निवासी पशु प्रेमी अनुपम कबड़वाल ने जनहित याचिका दाखिल कर सरकार के 21 जनवरी 2008 के नोटिफिकेशन को चुनौती दी है, जिसमें पशुधन प्रसार अधिकारी को पशुओं के इलाज का जिम्मा सौंपा है. याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि राज्य में पशुपालकों के जानवरों का इलाज अनक्वालिफाइड डॉक्टर से कराया जा रहा है, जिससे पशुधन की हानि होने के साथ ही पशुओं के साथ क्रूरता हो रही है.