नैनीताल:उत्तराखंड हाईकोर्ट ने अल्मोड़ा जिले की ग्राम पंचायत सीमा में ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी द्वारा वर्ष 2008 से 2019 तक किए गए निर्माण कार्यों में घोटाले की जांच और दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने ग्राम प्रधान बालम सिंह व ग्राम विकास अधिकारी दिनेश सिंह राणा को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 22 जून की तिथि नियत की है.
मामले के अनुसार अल्मोड़ा के ग्राम पंचायत सीमा निवासी दीवान सिंह ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी. याचिका में उन्होंने कहा था कि ग्राम पंचायत सीमा के ग्राम प्रधान बालम सिंह व ग्राम विकास अधिकारी दिनेश सिंह राणा द्वारा ग्राम पंचायत में वर्ष 2008 से 2019 के बीच हुए निर्माण कार्यों में सरकारी धन का दुरप्रयोग किया गया है. इसकी जांच कराने के लिए उनके द्वारा राज्य सरकार, जिला अधिकारी अल्मोड़ा व जिला पंचायत राज अधिकारी अल्मोड़ा को शिकायत की गई. उनकी शिकायत पर 21 अगस्त 2021 को जिला पंचायत राज अधिकारी ने पूरे प्रकरण की जांच हेतु आदेश जारी किए. जांच के दौरान शिकायतकर्ता दीवान सिंह, पूर्व प्रधान बालम सिंह, वर्तमान प्रधान तारा बिष्ट, ग्राम विकास अधिकारी, कनिष्ठ अभियंता मनरेगा व अन्य ग्रामवासी उपस्थित थे.
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कमेटी ने 2008 से 2019 के बीच हुए सभी निर्माण कार्यों की जांच की. जांच के दौरान शिकायतकर्ता ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि पूर्व ग्राम प्रधान ने बिना रेवेन्यू टिकट लगाए 4,23,356 रुपये की धनराशि फर्जी मस्टरोल भरकर स्वयं निकाल लिए. मनरेगा हरियाली योजना के तहत उनके द्वारा 4,72,763 रुपये की धनराशि निकाली गई, जो श्रमिक निर्माण कार्य पर लगाये गए थे. वे इस ग्राम पंचायत के न होकर नेपाली मजदूर थे.