नैनीताल: हल्द्वानी मटर गली के पास नजूल भूमि पर बनी व्यायामशाला की जमीन पर अवैध कब्जा किए जाने और उन्हें हटाए जाने के मामले पर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सुनवाई हुई. इस मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश को लिखे गए पत्र का स्वत: संज्ञान लिए जाने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई की.
मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार को कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट पर आपत्ति दर्ज करने के लिए 6 दिसंबर तक का समय दिया है. मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 6 दिसंबर की तिथि नियत की है.
आज हुई सुनवाई के दौरान न्यायमित्र गोपाल के वर्मा ने क्षेत्र का निरीक्षण कर फोटोग्राफ सहित रिपोर्ट पेश कर कहा है कि नजूल भूमि की करीब 5 एकड़ भूमि में अतिक्रमण किया गया है, जिसमें से केवल 20 लोगों ने ही इसे फ्री होल्ड कराया है. जबकि इस क्षेत्र में सैकड़ों लोग दुकानें खोलकर व्यवसायिक गतिविधियां कर रहे है.
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मामले के अनुसार हल्द्वानी व्यायामशाला सोसाइटी के पदाधिकारी मंगत राम गुप्ता ने उत्तराखंड हाईकोर्ट को पत्र लिखकर कहा है कि हल्द्वानी मटर गली के समीप नजूल भूमि में बनी व्यायामशाला की जमीन पर अतिक्रमणकारियों द्वारा कब्जा कर वहां पर निर्माण कर लिया है, जिसमे स्वराज आश्रम भी शामिल है. इस व्यायामशाला का मुख्य उद्देश्य स्थानीय खिलाड़ियों को निशुल्क परिशिक्षण देना था, जिस पर कई लोगों ने अतिक्रमण कर लिया.
याचिकाकर्ता ने उत्तराखंड हाईकोर्ट से व्यायामशाला की भूमि से अतिक्रमण हटाने की गुहार 2018 में लगायी थी. पूर्व में कोर्ट ने उनके पत्र का संज्ञान लेते हुए अधिवक्ता गोपाल के वर्मा को न्यायमित्र नियुक्ति किया था. पूर्व की जांच रिपोर्ट में जिला प्रशासन ने माना था कि व्यायामशाला की भूमि पर अतिक्रमण किया गया है.