नैनीताल:उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बागेश्वर के तहसील कपकोट में खनन माफियाओं के द्वारा अवैध रूप किए जा रहे खड़िया खनन के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस मामले पर पूर्व में लगाई गई रोक को आगे जारी रखते हुए उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार ज्यूडिशियल को निर्देश दिए हैं कि जो कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट बंद लिफाफे में आई है, उसकी एक प्रति जनहित याचिका के पक्षकारों को दें. कोर्ट अब अगली तिथि को कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट पर 13 अक्टूबर को सुनवाई करेगी.
कपकोट तहसील में अवैध खनन पर हाईकोर्ट सख्त, अब 13 अक्टूबर को होगी सुनवाई
Kapkot Illegal Mining नैनीताल हाईकोर्ट ने बागेश्वर जिले के तहसील कपकोट में अवैध खनन को लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई की. हाईकोर्ट ने मामले में 13 अक्टूबर को सुनवाई की तिथि घोषित की है. याचिकाकर्ता का कहना है कि खनन माफियाओं द्वार क्षेत्र में मानक से ज्यादा अवैध खनन किया जा रहा है, जो खतरनाक है.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Sep 30, 2023, 6:51 AM IST
जनहित याचिका में अभी तक जिन पक्षकारों के जवाब नहीं आये हैं, उनसे जवाब पेश करने को कहा है. पर्व में कोर्ट ने मामले वास्तविक स्थिति को जानने के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया था, जिसने जांच के बाद बंद लिफाफे में अपनी जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश की. पक्षकारों के अनुरोध पर कोर्ट ने कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट उन्हें देने के आदेश दिए.मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में हुई.
पढ़ें-बाणगंगा नदी में अवैध खनन पर सख्त हुआ हाईकोर्ट, कार्रवाई के दिए आदेश
मामले के अनुसार बागेश्वर निवासी हीरा सिंह पपोला ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि बागेश्वर जिले के तहसील कपकोट के रिमाघाटी, गुलामप्रगड़ व भीयूं गांव में सरकार द्वारा खनन पट्टा दिया है. जिसमें खनन माफिया द्वारा काफी अधिक अवैध खनन किया जा रहा है और उपखनिज को बाहर ले जाने के लिए वन भूमि में अवैध रूप से सड़क भी बना ली है. अंधाधुंध हो रहे खनन के चलते गांव के जल स्रोत सूखने की कगार पर पहुंच चुके हैं. याचिकाकर्ता का कहना है कि अवैध रूप से किए जा रहे खनन से होने वाले दुष्प्रभाव से गांव को बचाया जाए.