नैनीताल: हरिद्वार जिले के बडेड़ी राजपूताना, शांता साह और घोड़ावाली गांव में हुए घोटाले का मामला नैनीताल हाई कोर्ट में पहुंच गया है. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार से 15 नवंबर तक जवाब मांगा है. कोर्ट सरकार से पूछा है कि अभीतक ग्राम प्रधान, प्रधान पति के खिलाफ एफआईआर क्यों दर्ज नहीं की गई?
बता दें कि बडेड़ी गांव निवासी मांगे राम सैनी ने नैनीताल हाई कोर्ट में एक याचिका की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रधान बेबी सैनी और उनके पति रविंद्र सैनी समेत पंचायत सचिव ने ग्राम सभा में विकास कार्यों के नाम पर बड़ा घोटाला किया है. इस मामले में मांगे राम ने 2018 में सभी लोगों के खिलाफ शिकायत भी की थी, लेकिन आजतक आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.
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जिसके बाद मांगे राम ने जिलाधिकारी से भी मामले की शिकायत की. जिलाधिकारी ने एसएसपी को इस मामले की जांच के निर्देश दिए थे. एसएसपी ने मामले की जांच कराई तो घोटाला की बात सामने आई. बावजूद इसके आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिसके बाद मांगे राम ने नैनीताल हाई कोर्ट की शरण में गए और अपनी याचिका में ग्राम प्रधान के वित्तीय अधिकार सीज करने समेत घोटाले की रकम की रिकवर करने व ग्राम प्रधान, प्रधान पति समेत ग्राम सचिव पर कार्रवाई करने की मांग की थी.
इन विकास कार्यों में हुआ घोटाला
- प्रधान पति द्वारा 1400 रुपए की स्ट्रीट लाइट को 4000 में खरीदी गई.
- कब्रिस्तान की दीवार बनाने के नाम पर घोटाला.
- प्रधानमंत्री योजना के तहत स्वच्छ भारत मिशन में घोटाला.
- शौचालय निर्माण में उस व्यक्ति के नाम पर पैसा रिलीज किया गया है जिसके घर में पहले से ही शौचालय था.
- साथ ही विधायक निधि से किए गए कार्यों को ग्राम सभा के कार्य बताकर घोटाला किया गया.
गुरुवार को कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सराकर से 15 नवंबर तक जवाब मांगा है.