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उद्यान विभाग घोटाला मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई, जांच के लिए एसआईटी को दिया 15 दिन का वक्त

उद्यान विभाग में हुए घोटाला मामले में दायर जनहित याचिका पर आज सुनवाई हुई. याचिका में घोटाले की जांच सीबीआई या फिर किसी निष्पक्ष जांच एजेंसी से कराने की मांग की गई है. इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एसआईटी को इस मामले की जांच के लिए 15 दिन का समय दिया है.

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उद्यान विभाग घोटाला मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई

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Published : Aug 9, 2023, 4:57 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने उद्यान विभाग में हुए घोटाले की जांच सीबीआई या किसी अन्य एजेंसी द्वारा कराए जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने सरकार के द्वारा गठित एसआईटी को मामले की जांच के लिए 15 दिन का समय दिया. इसके बाद जांच रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में पेश करने के लिए कहा है.

कोर्ट ने कहा हम देखना चाहते हैं कि एसआईटी सही जांच कर रही है या नहीं. कोर्ट ने आदेश दिए है कि जो सील शील्ड रिकार्ड एसआईटी को दिया जाएगा उसकी सील खोलकर उद्यान सचिव उच्च न्यायलय के रजिस्ट्रार जनरल के सम्मुख उन पेपरों का डिजिटलाइजेशन करें. इस मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी.

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आज सुनवाई पर महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने कोर्ट को अवगत कराया कि मामले की जांच सरकार ने एसआईटी को दे दी है. एसआईटी ने जांच के लिए कमेटी गठित भी कर दी है. इसलिए जांच एसआईटी से ही कराई जाये. एसआईटी की जांच पर संदेह नहीं किया जा सकता. जिसपर कोर्ट ने एसआईटी की जांच को परखने के लिए 15 का वक्त दिया है.

वहीं, याचिकाकर्ता की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि एसआईटी को शील्ड रिकार्ड सौंपने से पहले उस रिकार्ड का एक कमेटी के सम्मुख डिजिटलाइजेशन किया जाये. रिकॉर्ड से छेड़छाड़ हो सकती है. जिसपर कोर्ट ने उच्च न्यायलय के रजिस्ट्रार जनरल की निगरानी में शील्ड रिकार्ड का डिजिटलाइजेशन करने के भी आदेश दिये.

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मामले के अनुसार दीपक करगेती ने जनहित याचिका दाखिल कर उद्यान विभाग में घोटाले का आरोप लगाया है. याचिका में कहा गया है कि उद्यान विभाग में लाखों का घोटाला किया गया है. जिसमें फल और अन्य के पौधारोपण में गड़बडियां की गई हैं. याचिका में कहा गया है कि विभाग द्वारा एक ही दिन में वर्क ऑर्ड़र जारी कर उसी दिन जम्मू कश्मीर से पेड़ लाना दिखाया गया है. जिसका पेमेंट भी कर दिया गया. याचिका में कहा गया है कि इस पूरे मामले में कई वित्तीय गड़बडियां हुई हैं. जिसकी सीबीआई या फिर किसी निष्पक्ष जांच एजेंसी से जांच हो. शीतकालीन सत्र में निलंबित उद्यान निदेशक ने पहले एक नकली नर्सरी अनिका ट्रेडर्स को पूरे राज्य में करोड़ों की पौध खरीद का कार्य देकर बड़े घोटाले को अंजाम दिया. जब उद्यान लगाओ उद्यान बचाओ यात्रा से जुड़े किसानों और उत्तरकाशी के किसानों द्वारा जोर शोर से इस प्रकरण को उठाया तो आनंद फानन में अनिका ट्रेडर्स के आवंटन को रद्द करने का पत्र जारी कर दिया गया, फिर भी पौधे अनिका ट्रेडर्स के बांटे गए.

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