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कोटद्वार नगर निगम की भूमि पर अवैध निर्माण पर HC सख्त, 13 जुलाई तक जवाब मांगा

हाईकोर्ट (Nainital High Court) ने कोटद्वार नगर निगम (Kotdwar Municipal Corporation) की भूमि पर हो रहे अवैध निर्माण के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार, निदेशक शहरी विकास, जिला विकास प्राधिकरण पौड़ी, सेक्रेटरी जिला विकास प्राधिकरण, जिला अधिकारी पौड़ी, आवास विकास परिषद व नगर निगम कोटद्वार से 13 जुलाई तक जवाब पेश करने को कहा है.

Nainital High Court
नैनीताल हाईकोर्ट

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Published : Jun 28, 2022, 2:29 PM IST

नैनीताल: हाईकोर्ट (Nainital High Court) ने कोटद्वार नगर निगम (Kotdwar Municipal Corporation) की भूमि पर हो रहे अवैध निर्माण के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार, निदेशक शहरी विकास, जिला विकास प्राधिकरण पौड़ी, सेक्रेटरी जिला विकास प्राधिकरण, जिला अधिकारी पौड़ी, आवास विकास परिषद व नगर निगम कोटद्वार से 13 जुलाई तक जवाब पेश करने को कहा है. वहीं मामले की अगली सुनवाई के लिए 13 जुलाई की तिथि नियत की है.

क्या है पूरा मामला:नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि कोटद्वार में नगर निगम व नेशनल हाईवे की भूमि पर अवैध निर्माण कार्य किए जा रहे हैं. नगर निगम इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. नगर निगम की तरफ से कहा गया कि यह उनके हाथ में नहीं है. इसलिए जिला विकास प्राधिकरण व जिला अधिकारी को निर्देश दिए जाएं. पूर्व में कोर्ट ने नगर निगम से अवैध निर्माण कार्यों की जांच कर जवाब पेश करने को कहा था.

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गिरि गौरव नैथानी ने जनहित याचिका की दायर:मामले के अनुसार सीताबपुर कोटद्वार निवासी गिरि गौरव नैथानी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि कोटद्वार में नगर निगम की भूमि व बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग में अवैध निर्माण कार्य धड़ल्ले से किए जा रहे हैं. नगर निगम इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. जनहित याचिका में यह भी गया कि सरकार ने 2016 के बाद बने नगर निगमों में भवन निर्माण हेतु नक्शे की आवश्यकता को समाप्त कर दिया. जिसके कारण बिना नक्शे के अवैध भवन बनाए जा रहे हैं. जनहित याचिका में कोर्ट से यह अपील की गई है कि अवैध निर्माण कार्यों पर रोक लगाई जाए.

वाहनों के लिए बार काउंसिल के अपने स्टीकर: नैनीताल से बार काउंसिल से जुड़ी एक खबर है. बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड द्वारा निर्णय लिया गया है कि बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड में पंजीकृत अधिवक्ताओं के चार पहिया व दो पहिया वाहन पर बार काउंसिल ऑफ उत्तराखण्ड का स्टीकर प्रयोग किया जाए. क्योंकि अक्सर सुनने में आता है कि जो अधिवक्ता स्टीकर बाजार में बिकते हैं, उनका प्रयोग कोई भी व्यक्ति जो अधिवक्ता नहीं है, भी अपने वाहनों में कर रहे हैं. इससे अधिवक्ता समाज की छवि धूमिल हो रही है. इन सब समस्याओं को दूर करने के लिए बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड अपना स्टीकर छपवा रही है, जिनका प्रयोग वाहनों में किया जाता है.

अतः आपसे अनुरोध है कि आप अपनी बार एसोसिएशन के समस्त सदस्यों, जिनके पास अपने नाम से दो पहिया/चार पहिया वाहन हैं, के पंजीकरण (आरसी०) एवं बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड का पहचान पत्र/बार एसोसिएशन के पहचान पत्र की फोटो प्रति अधिवक्ताओं से प्राप्त कर उसकी लिस्ट बना कर उसके साथ उपरोक्त दस्तावेज संलग्न कर इस अनुरोध पत्र के 15 दिन के भीतर बार काउंसिल कार्यालय को अवश्य रूप से भेज दें. ताकि स्टीकर छपवा कर अधिवक्ताओं को नॉमिनल शुल्क पर उपलब्ध कराए जा सकें. इस आदेश/अनुरोध पत्र को बार एसोसिएशन के सूचना पट्ट पर चस्पा करने तथा व्यक्तिगत रूप से मैटिरियल उपलब्ध करने का प्रयास कर निहित समय अवधि के भीतर बार काउंसिल को भेजना सुनिश्चित करें.

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