देहरादून: उत्तराखंड में नगर निकाय चुनावों को लेकर दायर की गई जनहित याचिका पर बुधवार तीन दिसंबर को नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं हुई. जिसके बाद खंडपीठ ने सचिव शहरी विकास से मंगलवार 9 जनवरी को कोर्ट में पेश होने का कहा है.
नगर निकाय चुनावों का मामला, हाईकोर्ट ने सचिव शहरी विकास को किया तलब
municipal elections Uttarakhand उत्तराखंड में दो दिसंबर 2023 को नगर निकायों का कार्यकाल खत्म हो चुका है. उसके बाद भी सरकार और राज्य चुनाव आयोग की तरफ से अभीतक निकाय चुनावों के कार्यक्रम की कोई घोषणा नहीं की गई है. इसको लेकर उत्तराखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी, जिस पर बुधवार को सुनवाई हुई.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Jan 3, 2024, 4:52 PM IST
दरअसल, सरकार व राज्य चुनाव आयोग ने अभीतक नगर पालिकाओं के चुनाव का कार्यक्रम घोषित नहीं किया, जिस पर कोर्ट में सुनवाई हुई. पूर्व में नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा था कि अभी तक चुनाव प्रक्रिया क्यों प्रारम्भ नहीं की, जबकि पालिकाओं का कार्यकाल 2 दिसंबर को समाप्त हो रहा है.
पढ़ें-उत्तराखंड में निकाय चुनाव की तैयारियां तेज, 2 फरवरी को जारी होगी अंतिम मतदाता सूची
वहीं कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग से भी यह बताने को कहा था कि चुनाव कराने के लिए उनकी क्या तैयारी है? मामले के अनुसार जसपुर निवासी अनीस ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि जसपुर नगर पालिका सहित प्रदेश की नगर पालिकाओं का कार्यकाल 2 दिसंबर को समाप्त हो रहा है, लेकिन सरकार ने अभी तक इसकी चुनावी घोषणा तक नहीं की, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश किशन सिंह तोमर बनाम केंद्र सरकार में निर्णय देते हुए कहा है कि पालिकाओं के पांच वर्षीय कार्यकाल समाप्त होने से 6 माह पहले चुनावी कार्यक्रम घोषित किया जाये. जिससे नए बोर्ड का गठन तय समय के भीतर हो सके. लेकिन अब दो माह से कम का समय बचा है परन्तु सरकार ने चुनाव कराने हेतु कार्यक्रम घोषित तक नहीं किया है. जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि राज्य सरकार को निर्देश दिए जाएं कि शीघ्र चुनाव का कार्यक्रम घोषित करे.