उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

विधानसभा बैकडोर भर्ती मामला: नैनीताल HC में बर्खास्त कर्मचारियों की याचिका पर कल भी होगी सुनवाई - कर्मचारियों की बर्खास्तगी आदेश

उत्तराखंड विधानसभा बैकडोर भर्ती मामले (assembly backdoor recruitment) में बर्खास्त किए गए कर्मचारियों की याचिका पर आज उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) में सुनवाई हुई. वहीं, इस मामले में जिरह के बाद कल शनिवार को भी कोर्ट ने सुनवाई जारी रखी है.

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : Oct 14, 2022, 5:27 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने विधानसभा सचिवालय से बर्खास्त किये गए कर्मचारियों की बर्खास्तगी आदेश के खिलाफ दायर 55 से अधिक कर्मचारियों की याचिकाओं पर सुनवाई की. इस मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने कल शनिवार को भी सुनवाई जारी रखी है.

बता दें कि अपनी बर्खास्तगी के आदेश को बबिता भंडारी, भूपेंद्र सिंह बिष्ठ व कुलदीप सिंह व 53 अन्य ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता देवीदत्त कामत, वरिष्ठ अधिवक्ता अवतार सिंह रावत व रविंद्र सिंह बिष्ठ ने कोर्ट को अवगत कराया कि विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा लोकहित को देखते हुए उनकी सेवाएं समाप्त कर दी. बर्खास्तगी आदेश में उन्हें किस आधार पर और किस वजह से हटाया गया, कहीं इसका उल्लेख नहीं किया गया न ही उन्हें सुना गया. जबकि, उनके द्वारा सचिवालय में नियमित कर्मचारियों की भांति कार्य किया. एक साथ इतने कर्मचारियों को बर्खास्त करना लोकहित नहीं है. यह आदेश विधि विरुद्ध है.
पढ़ें-केदारधाम का पैदल सफर होगा आसान और सुरक्षित, PM मोदी के दौरे से पहले हो रहा ये बड़ा काम

वहीं, विधानसभा सचिवालय में 396 पदों पर बैकडोर नियुक्तियां (assembly backdoor recruitment) 2002 से 2015 के बीच भी हुई है, जिनको नियमित किया जा चुका है. परन्तु उनको किस आधार पर बर्खास्त किया गया. याचिका में कहा गया है कि 2014 तक हुई तदर्थ रूप से नियुक्त कर्मचारियों को चार वर्ष से कम की सेवा में नियमित नियुक्ति दे दी गई, किन्तु उन्हें 6 वर्ष के बाद भी स्थायी नहीं किया अब उन्हें हटा दिया गया.

जबकि, पूर्व में भी उनकी नियुक्ति को जनहित याचिका दायर कर चुनौती दी गयी थी, जिसमें कोर्ट ने उनके हित में आदेश दिया था. उधर, नियमानुसार 6 माह की नियमित सेवा करने के बाद उन्हें नियमित किया जाना था. विधानसभा सचिववालय का पक्ष रखते हुए अधिवक्ता विजय भट्ट द्वारा कहा गया कि इनकी नियुक्ति बैकडोर के माध्यम से हुई है और इन्हें काम चलाऊ व्यवस्था के आधार पर रखा गया था. उसी के आधार पर इन्हें हटा दिया गया.

ABOUT THE AUTHOR

...view details