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गांव की भूमि को निजी संस्था के हाथों में देने पर HC सख्त, 3 हफ्ते में सरकार को देना होगा जवाब

कांग्रेस सरकार में अल्मोड़ा के नैनीसार में गांव की 356 नाली जमीन जिंदल सोसायटी को आवंटित की गई थी. जिस पर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से तीन हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने को कहा है.

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Published : May 15, 2019, 11:05 PM IST

नैनीताल हाई कोर्ट

नैनीतालः अल्मोड़ा के नैनीसार में नियम विरूद्ध निजी संस्था को गांव की 356 नाली जमीन देने के मामले में हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को तीन हफ्ते के भीतर विस्तृत जवाब देने के आदेश दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने सरकार ने पूछा है कि किस आधार पर सरकार ने गांव की भूमि को निजी संस्था के हाथों में दिया है. वहीं, कम दाम पर गांव की भूमि को लीज पर देने को लेकर भी सरकार को जवाब पेश करने को कहा है.

जानकारी देते याचिकाकर्ता के अधिवक्ता डीके जोशी.


बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के कार्यकाल में जिंदल सोसायटी को 356 नाली जमीन आवंटित की गई थी. जिसके बाद अल्मोड़ा निवासी बिशन सिंह और पीसी तिवारी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर किया था. याचिका में कहा गया है कि अल्मोड़ा के नैनीसार में बिना ग्रामीणों की सहमति और बिना कानूनी प्रक्रिया के 356 नाली भूमि गैर कानूनी रूप से सरकार ने निजी उद्योगपति की संस्था को दी है. जहां पर हिमांशु एजुकेशन सोसाइटी को अंतरराष्ट्रीय पब्लिक स्कूल खोले जाने के बहाने कौड़ी के भाव पट्टे पर दी गई है. जिसे निरस्त किया जाए.

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याचिकाकर्ता ने दायर याचिका में कहा है कि जिंदल सोसायटी ने कई ग्रामीणों के साथ मारपीट भी की है. जिसमें कई लोगों के खिलाफ फर्जी मुकदमे भी दर्ज कराए गए हैं. बुधवार को मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार को तीन सप्ताह के भीतर विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है. वहीं, अब मामले की अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद होगी.

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