नैनीताल: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को लेकर राज्य सरकार के द्वारा जारी की गई SOP, ऋषिकेश एम्स अस्पताल में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट स्थापित ना किए जाने और उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली पर नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य सरकार को 2 सप्ताह के भीतर अपना विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.
हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान की खंडपीठ में सुनवाई हुई. इस दौरान अधिवक्ता शिव भट्ट ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार के द्वारा उत्तराखण्ड में चारधाम यात्रा के लिए जो SOP जारी की गई है, वो सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना है. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 30 अप्रैल 2021 को आदेश जारी किया था कि कोई भी राज्य सरकार अपने प्रदेश में कोई बड़े कार्यक्रम नहीं कर पाएगी. इसके बावजूद उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रदेश में चारधाम जैसी बड़ी यात्रा को कराया जा रहा है और केवल समाचार पत्रों के माध्यम से लोगों को आने से मना किया जा रहा है. जबकि राज्य सरकार द्वारा SOP में ऐसा कोई जिक्र ही नहीं है. याचिका का संज्ञान लेते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य सरकार को 2 सप्ताह के भीतर अपना जवाब कोर्ट में पेश करने को कहा है.
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