नैनीताल: केदारनाथ-बदरीनाथ सहित अन्य 50 मंदिरों को देवस्थानम बोर्ड में लाने का मामला एक बार फिर हाईकोर्ट की शरण में जा पहुंचा है. भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका को निरस्त करने की मांग को लेकर देहरादून की रूरल लिटिगेशन संस्था ने हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र दायर किया है.
प्रार्थना पत्र के जरिए याचिकाकर्ता ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा बनाया गया देवस्थानम एक्ट ठीक है. लिहाजा सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका को निरस्त किया जाए. मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य सरकार को अपना जवाब पेश करने का आदेश दिया है.
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क्या है मामला
राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर राज्य सरकार के उस आदेश को चुनौती दी थी. जिसमें राज्य सरकार द्वारा केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री समेत उत्तराखंड के 50 से अधिक मंदिरों को देवस्थानम ट्रस्ट में शामिल कर दिया था. सरकार द्वारा एक्ट लागू करने के बाद से चारधाम के तीर्थ पुरोहित सरकार के फैसले का विरोध कर रहे थे.
सुब्रमण्यम स्वामी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में आदेश जारी कर कहा है कि सरकार मंदिरों का संचालन नहीं कर सकती है. अगर वित्तीय अनियमितता होगी तो अनियमितता दूर करने का अधिकार सरकार को है. लेकिन मंदिरों के संचालन का काम वहां के तीर्थ पुरोहित ही करेंगे. इसके बावजूद उत्तराखंड में सरकार द्वारा मंदिरों का संचालन किया जा रहा है.