उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

ग्राम प्रहरी के मामले में हाई कोर्ट सख्त, गृह और राजस्व सचिव के खिलाफ अवमानना नोटिस - nainital news

नैनीताल हाई कोर्ट ने पूर्व में दिए गए आदेश का पालन ना करने और ग्राम प्रहरी के न्यूनतम वेतन को लेकर गृह सचिव और राजस्व सचिव को अवमानना नोटिस जारी किया है. जिन्हें 4 हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने को कहा गया है. उधर, कोर्ट के आदेश का पालन ना करना इन दोनों वरिष्ठ अधिकारियों को महंगा पड़ सकता है.

nainital highcourt

By

Published : Jul 23, 2019, 8:37 PM IST

नैनीतालःउत्तराखंड में ग्राम प्रहरी और ग्राम रक्षकों को न्यूनतम वेतन और कोर्ट के आदेश की पालन ना करने के मामले में हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. इसी कड़ी में कोर्ट ने गृह सचिव और राजस्व सचिव के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया है. साथ ही मामले में चार हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

बता दें कि पिथौरागढ़ निवासी ग्राम प्रहरी प्रकाश सिंह और ग्राम रक्षक हरक राम ने नैनीताल हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि वो लोग लंबे समय से गांवों में ग्राम प्रहरी और ग्राम रक्षक के पद पर तैनात हैं और गांव की रक्षा करते हैं, लेकिन सरकार उन्हें न्यूनतम वेतन नहीं दे रही है. जिससे उन्हें आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

याचिकाकर्ताओं ने बताया कि मामले को लेकर उन्होंने कई बार सरकार से भी बात की, लेकिन उनकी बातों पर विचार नहीं किया गया. जिसके बाद निराश होकर उन्होंने हाई कोर्ट की शरण ली है.

उत्तराखंड के गृह और राजस्व सचिव के खिलाफ HC ने जारी किया अवमानना नोटिस.

ये भी पढ़ेंःसंसद में अनिल बलूनी ने नेशनल पार्क और सेंचुरी में बसे गांवों के विस्थापन का उठाया मुद्दा

वहीं, मामले को गंभीरता से लेते हाई कोर्ट ने राज्य सरकार और गृह सचिव समेत राजस्व सचिव को 8 हफ्ते के भीतर इन सभी ग्राम प्रहरी और ग्राम रक्षकों को न्यूनतम वेतन देने और उनके प्रत्यावेदन का निस्तारण करने को भी कहा था, लेकिन कोर्ट के आदेश पर विचार नहीं किया गया.

उधर, ग्राम प्रहरी प्रकाश सिंह और ग्राम रक्षक हरक राम ने हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की और कहा कि सरकार के द्वारा कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है.

इसी कड़ी में मंगलवार को हाई कोर्ट के न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की एकल पीठ ने गृह सचिव और राजस्व सचिव के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया है. साथ ही उन्हें चार हफ्ते के भीतर अपना जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details