हल्द्वानी:दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में अरविंद केजरीवाल के शपथ लेने के बाद उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपना दर्द बयां किया है. हरदा ने कहा है कि वो भी हनुमान भक्त हैं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कि दिल्ली के पुराने हनुमान मंदिर की भक्ति के सामने उनकी हनुमान भक्ति कमजोर पड़ गई. उन्होंने कहा कि दिल्ली और हरियाणा से भी अच्छा काम उन्होंने किया, लेकिन वो पीछे रह गए.
हरीश रावत ने ट्वीट के जरिए कहा है कि दिल्ली में केजरीवाल ने आम लोगों को बहुत सारी सहूलियतें दी. उनके ऊपर जो भार था, उसको कम किया और इसलिये उनको चुनाव में जिताने का भार दिल्ली के आमजन ने उठाया. जिन बिन्दुओं का बार-बार जिक्र किया जा रहा है, उन्होंने भी साल 2014-15 व 2016 में इन सभी बिन्दुओं पर काम किया, लेकिन वो पीछे रह गये.
गौरतलब है कि हरीश रावत धार्मिक प्रवृत्ति के माने जाते हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में नैनीताल लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे थे. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोशियारी ने हरीश रावत को पहाड़ का एकलू बानर कह कर उनका मजाक बनाया था. जिसके बाद हरीश रावत चुनाव के दौरान हनुमान चालीसा पढ़ते हुए और हनुमान जी के मंदिर में बार-बार जाकर अपनी जीत के लिए कामना कर रहे थे लेकिन हरीश रावत की हनुमान भक्ति काम नहीं आई और हरदा अजय भट्ट से काफी अंतर से चुनाव हार गए.
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ऐसे में हरीश रावत अब केजरीवाल की हनुमान भक्ति के आगे अपनी हनुमान भक्ति को कमजोर माना है. यही नहीं हरीश रावत ने कहा है कि वो निरंतर हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि वो माननीय न्यायालय के समक्ष न्याय के लिए हाथ जोड़कर खड़े हैं, हनुमान जी उनकी मदद करें.