रामनगर:सरकार चाहे लाख दावे कर ले लेकिन सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाएं धरातल पर नजर नहीं आती हैं. इसका जीता-जागता उदाहरण देखने को मिला रामनगर में. यहां एक हादसे में 100 फीसदी दिव्यांग हो चुके कैलाश चंद्र खुल्बे को प्रधानमंत्री की सुरक्षा बीमा योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
बता दें, रामनगर कोटद्वार रोड तहसील के पास रहने वाले कैलाश चंद्र खुल्बे 1 अक्टूबर 2017 को अपने घर में सफाई करते हुए छत से नीचे गिर गए. उनकी रीढ़ की हड्डी पूरी तरीके से टूट गई. हादसे में उनका आधा शरीर निष्क्रिय हो गया. डॉक्टरों ने भी उन्हें 100% दिव्यांग घोषित कर दिया था.
अब कैलाश चंद्र खुल्बे प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत दो लाख का दुर्घटना बीमा क्लेम करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक के चक्कर लगा रहे हैं. आरोप है कि उनको बैंक कर्मचारी लगातार परेशान कर रहे हैं. मजदूरी कर अपने बच्चों का जीवन यापन करने वाले कैलाश चंद्र खुल्बे के दिव्यांग होने के बाद उनके परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.
कैलाश चंद्र खुल्बे ने ईटीवी भारत को बताया कि उनका अकाउंट भारतीय स्टेट बैंक में है, उससे ₹12 प्रति वर्ष कटते हैं. जब कैलाश और उनकी पत्नी भारतीय स्टेट बैंक रामनगर में गईं तो वहां पता लगा कि यह बीमा मृत्यु के पश्चात मिलता है. उसके बाद कैलाश खुल्बे ने आरटीआई लगाई जिसमें यह साफ हो गया कि 100% दिव्यांग होने पर भी इस योजना में पूरा लाभ मिलता है.
कैलाश चंद्र खुल्बे अब तक प्रधानमंत्री, सांसद और मुख्यमंत्री तक को अपना पत्र लिख चुके हैं लेकिन अभी तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. उन्होंने बताया कि उप जिला अधिकारी, तहसीलदार को भी उन्होंने अपना दुखड़ा सुनाया है लेकिन उनकी परेशानी को किसी ने भी नहीं सुना.