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Uttarakhand Roadways: 31 जनवरी से थम सकते हैं बसों के पहिए, कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार का ऐलान

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Published : Jan 24, 2023, 3:38 PM IST

निजीकरण का विरोध कर रहे रोडवेज कर्मचारियों ने अब सरकार के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है. हल्द्वानी में रोडवेज कर्मचारियों ने 13 सूत्रीय मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार का ऐलान कर दिया है.

Uttarakhand Roadways Protest
उत्तराखंड परिवहन निगम

हल्द्वानी: उत्तराखंड परिवहन निगम के कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी क्रम में हल्द्वानी रोडवेज के कर्मचारियों ने 13 सूत्रीय मांगों को लेकर संयुक्त मोर्चा के बैनर तले 31 जनवरी की मध्य रात्रि से संपूर्ण कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है. रोडवेज कर्मचारियों के सम्पूर्ण कार्य बहिष्कार के ऐलान से 31 जनवरी की मध्य रात्रि से बसों के पहिए थम सकते हैं.

अपनी 13 सूत्रीय मांगों को लेकर संयुक्त मोर्चा ने आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है. रोडवेज के कर्मचारियों ने पूर्ण तरीके से कार्य बहिष्कार का ऐलान करते हुए कहा है कि अगर उनकी मांगें ना मानी गईं तो सभी रोडवेज कर्मचारी धरना प्रदर्शन कर आगे की रणनीति बनाएंगे.

31 जनवरी से अनिश्चितकालीन कार्यबहिष्कार का ऐलान: प्रांतीय अध्यक्ष कमल पपनै के अनुसार उनकी मांगें अगर पूरी नहीं होती हैं तो पूरे प्रदेश में बसों का संचालन ठप कर दिया जाएगा. संविदा-विशेष श्रेणी चालक-परिचालक एवं अन्य कर्मचारियों के नियमितीकरण एवं अन्य मुद्दों को लेकर कर्मचारी अब सरकार और रोडवेज प्रबंधन से सीधे टकराव में हैं. अपनी 13 सूत्रीय मांगों को लेकर संयुक्त मोर्चा ने आज रोडवेज कार्यालय में प्रदर्शन किया. इसके बाद 31 जनवरी की मध्य रात्रि 12 बजे से प्रदेशव्यापी हड़ताल शुरू हो जाएगी. रोडवेज कर्मचारियों ने कहा कि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो उनके पास अनिश्चितकालीन बहिष्कार के अलावा कोई और दूसरा रास्ता नहीं बचता है.
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ये हैं मांगें: दरअसल, रोडवेज कर्मचारियों की मांग है कि परिवहन निगम में सरकार के स्तर से 500 बसें दिए जाने, निगम को राजकीय रोडवेज घोषित किए जाने, विभाग में 20-25 वर्षों से कार्यरत संविदा एजेंसी चालक-परिचालकों और कार्यशाला कार्मिकों को नियमित करने, संपत्ति को खुर्द बुर्द करने पर रोक लगाई जाए. पर्वतीय मार्ग पर अनुबंधित बसों को रॉयल्टी के आधार पर लगाने और कार्यालयों में उपनल या अन्य एजेंसी के माध्यम के तैनात कर्मचारियों को नियमित करने की मांग की गई है.

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