हल्द्वानीः उत्तराखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र आगामी 5 सितंबर से देहरादून में होने जा रहा है. लेकिन विपक्ष के विधायक सरकार की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं. हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश ने भी सरकार पर विधानसभा सत्र के नाम पर केवल खानापूर्ति का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि सरकार हर बार सत्र तो आहूत करती है, लेकिन विधायकों के जवाब देने के समय सत्र को समाप्त कर दिया जाता है. इसके अलावा जब प्रदेश के विकास के मुद्दों की चर्चा होती है, उस समय मुख्यमंत्री जवाब नहीं देते हैं.
विपक्ष के विधायकों को नहीं दिया जाता पूरा समयःहल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश ने आरोप लगाया कि इस बार भी 600 से ज्यादा प्रश्न विधायकों ने लगाए हैं, लेकिन कभी भी विधानसभा सत्र पूरा न चलकर आधे में समाप्त कर दिया जाता है और विपक्ष के विधायकों को पूरा समय नहीं दिया जाता है. उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में विधानसभा सत्र कई हफ्ते तक आयोजित होता है. वहां जनता से जुड़ी समस्याओं पर एक-एक कर चर्चा होती है, लेकिन उत्तराखंड में ऐसा नहीं होता है.
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