हल्द्वानी: कुमाऊं की लाइफ लाइन कही जाने वाली गौला नदी में 2 महीने बाद भी खनन कार्य शुरू नहीं हो पाया है. ऐसे में खनन कारोबारी अपनी मांगों को लेकर लालकुआं में विशाल धरना प्रदर्शन करते हुए सड़कों पर उतरे और सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. गौला संघर्ष समिति के नेतृत्व में भारी संख्या में पहुंचे खनन कारोबारियों ने शहीद स्मारक से पूरे बाजार में जुलूस प्रदर्शन करते हुए तहसील में पहुंचे. जहां उन्होंने तहसीलदार को ज्ञापन देते हुए सरकार से अपनी मांगों पर विचार करने की अपील की.
सरकार के खिलाफ गौला संघर्ष समिति का विरोध प्रदर्शन, खनन नीति में बदलाव की मांग
उत्तराखंड में खनन नीति में बदलाव की मांग को लेकर हल्द्वानी में खनन व्यापारियों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान खनन कारोबारी तहसील पहुंचे, जहां उन्होंने अपनी मांगों को लेकर सीएम के नाम एक ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा.
गौला संघर्ष समिति के लोगों का कहना है कि प्रदेश में खनन नीति में बदलाव होनी चाहिए. उत्तराखंड में गौला नदी की खनन रॉयल्टी अलग है. जबकि प्रदेश के अन्य हिस्सों में खनन की रॉयल्टी अलग रेट है. इसके अलावा गौला नदी में खनन कार्य करने वाले वाहनों को ग्रीन टैक्स सहित अन्य टैक्स में छूट देने की मांग की. इस दौरान खनन कारोबारियों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा.
खनन कारोबारियों का कहना है कि गौला नदी से निकलने वाले खनन का रेट ₹28 प्रति क्विंटल है. जबकि प्रदेश के अन्य हिस्सों में खनन रॉयल्टी ₹9 प्रति क्विंटल है. गौला नदी की रॉयल्टी अधिक होने के चलते यहां के रेता बजरी की डिमांड पूरी नहीं हो पा रही है. ऐसे में एक प्रदेश एक रॉयल्टी का नियम लागू किया जाए, जिससे खनन कारोबारियों को राहत मिल सके.