हल्द्वानी: 15 जून की रात मातृभूमि की रक्षा करते हुए गलवान घाटी में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे. उनकी यादों को अमर करने के लिए हल्द्वानी वन अनुसंधान केंद्र ने 'गलवान शहीद वाटिका' बनाई है. गलवान शहीद वाटिका के नाम से तैयार इस वाटिका में शहीद हुए 20 सैनिकों के नाम पर फलदार वृक्ष लगाए गए हैं. जिससे शहीदों को हमेशा याद करते हुए श्रद्धांजलि दी जा सके.
वन अनुसंधान केंद्र के रेंजर मदन बिष्ट ने बताया कि वन अनुसंधान केंद्र में इससे पहले पुलवामा हमले में शहीद हुए सैनिकों के नाम से शहीद वाटिका तैयार की गयी थी. अब वन अनुसंधान केंद्र ने गलवान में शहीद हुए 20 सैनिकों की याद में फलदार पेड़ लगाकर 'गलवान शहीद वाटिका' बनाई है. वाटिका में 20 शहीदों के नाम से अलग-अलग प्रजातियों के पौधे लगाए गए हैं. इनमें पीपल, बेल, बरगद, जामुन, अमलतास, कचनार, आंवला और अन्य वृक्ष लगाए गए हैं. ये पेड़ बड़े होकर फल देंगे और उन फलों से वन्यजीवों का पेट भरेगा, जिससे शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि मिल सकेगी.
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रेंजर मदन बिष्ट ने कहा कि शहीद वाटिका के माध्यम से इन शहीदों की शहादत को सदैव याद किया जाएगा. जो भी वन अनुसंधान केंद्र का भ्रमण करने आएगा इन शहीदों को नमन करेगा.
गौर हो कि बीते 15-16 जून की दरम्यान रात के समय भारत और चीन के सैनिकों के बीच लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई. इस दौरान चीनी सैनिकों के एक कमांडर समेत 30 से अधिक लोग ढेर हो गए. तीन-घंटे की लंबी लड़ाई के बाद भारतीय सेना के 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू सहित 20 भारतीय सेना के जवान शहीद हो गए थे. वहीं, दोनों देशों के बीच हुए हिंसक झड़प के बाद अधिकारियों और जवानों को चीनी पक्ष ने अपने कब्जे में ले लिया था. शुक्रवार को समाचार एजेंसी एएनआई ने अपने सूत्रों के हवाले से कहा, 'सभी 10 सैनिकों को मेजर जनरल-स्तरीय वार्ता के बाद गुरुवार शाम लगभग 4 बजे भारतीय पक्ष में वापस भेज दिया गया था. इसी के साथ भारतीय सेना के सभी सैनिकों का पता चल चुका है. आपको बता दें कि ईटीवी भारत ने दस सैनिकों के लापता होने की खबर सबसे पहले गत 16 जून को ही अपने पाठकों को दे दी थी.