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अस्पताल भवन बनकर तैयार, लोग बोले- आखिर कब होगी डॉक्टरों की तैनाती?

सरकार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने का वादा और दावा कर रही है. वहीं हल्द्वानी में हल्दूचौड़ सीएससी सेंटर का भवन बनकर तैयार हो चुका है, लेकिन डॉक्टरों की तैनाती और चिकित्सा उपकरणों की व्यवस्था ना होने से हॉस्पिटल शुरू नहीं हो पाया है. जिसका लाभ क्षेत्र की जनता को नहीं मिल पा रहा है.

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Published : Apr 23, 2023, 2:02 PM IST

Updated : Apr 23, 2023, 2:08 PM IST

आखिर कब होगी डॉक्टरों की तैनाती?

हल्द्वानी: उत्तराखंड में सरकारी पैसों का दुरुपयोग किस तरह से होता है. इसकी बानगी नैनीताल जिले के हल्दूचौड़ में देखने को मिल रही है. जहां 9 साल के इंतजार के बाद हॉस्पिटल तो बनकर तैयार हो गया है, लेकिन डॉक्टरों की तैनाती और व्यवस्थाएं ना होने से लोगों को लाभ नहीं मिल रहा है. जिससे लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने का दावा करने वाली सरकार को पोल खुल रही है.

गौर हो कि लोगों को उचित इलाज के लिए बने 30 बैड के सीएससी सेंटर का शिलान्यास साल 2014 में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी, वित्त मंत्री इंदिरा हृदयेश और श्रम मंत्री हरिश्चंद्र दुर्गापाल ने किया था. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की नींव रखने के बाद अस्पताल के निर्माण का जिम्मा ब्रिडकुल को सौंपा गया. लेकिन 9 साल बाद अस्पताल बनकर तैयार हुआ. जिसको बनाने की लागत 7 करोड़ 90 लाख रुपए आई. जबकि अस्पताल का निर्माण 3 साल के भीतर में पूरा होना था. लेकिन 9 साल बाद अस्पताल बनकर अब तैयार हुआ है. लेकिन भवन बनने के बाद भी अस्पताल में ताला लटका हुआ है. क्योंकि अस्पताल के लिए ना ही डॉक्टरों की, ना उपकरण की व्यवस्था की गई है. ऐसे में सरकार और स्वास्थ्य विभाग पर सवाल खड़े होने लगे हैं. 30 बेड का अस्पताल बन कर पूरी तरह तैयार है और उसमें अब ताला लटका दिया गया है.
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लोगों का कहना है कि सरकार लोगों के स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह बनी हुई है. उधम सिंह नगर के किच्छा और हल्द्वानी के बीच पड़ने वाले गांव के लोगों के लोगों को बेहतर इलाज मिल सके, इसके लिए हॉस्पिटल बनाया गया. यहां तक की 20 किलोमीटर के दायरे में कोई सड़क हादसे या कोई गंभीर बीमार होने का दौरान मरीज को हल्द्वानी ले जाना पड़ता है. ऐसे में लोगों का कहना है कि अस्पताल बनकर तैयार हो गया है, लेकिन डॉक्टर और व्यवस्थाएं नहीं होने के चलते लोगों को इलाज के लिए उन्हें इधर-उधर भटकना पड़ रहा है.इस पूरे मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी नैनीताल भागीरथी जोशी का कहना है कि अस्पताल बनकर तैयार हो चुका है, डॉक्टरों की नियुक्ति और व्यवस्थाओं के लिए शासन स्तर पर पत्र भेजा गया है. शासन से अनुमति मिलते ही अस्पताल को मरीजों के लिए खोल दिया जाएगा.

Last Updated : Apr 23, 2023, 2:08 PM IST

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