हल्द्वानी:तराई पूर्वी वन प्रभाग के डोली रेंज के जंगल में वन विभाग ने घने जंगलों के बीच ग्रासलैंड तैयार किया है. ये ग्रासलैंड मानव वन्यजीव संघर्ष रोकने में मददगार साबित हो रहा है. यही नहीं ग्रासलैंड कई वन्यजीवों का वासस्थल भी बन गया है. एसडीओ तराई पूर्वी वन प्रभाग अनिल जोशी ने बताया कि डोली रेंज में घने मिश्रित जंगलों के बीच वन्यजीवों के वासस्थल कोटखर्रा हाथीचौड़ को विकसित किया है. ये धीरे-धीरे वन्यजीवों का वासस्थल बनता जा रहा है.
अनिल जोशी ने बताया कि घने जंगलों के बीच 150 एकड़ क्षेत्रफल में बने उत्तराखंड में आरक्षित वन क्षेत्र के अंतर्गत ये सबसे बड़ा कृत्रिम रूप से विकसित किया गया ग्रासलैंड है. यहां 290 मीटर परिधि में जलाशय का निर्माण कराया गया है. जलाशय में विभिन्न प्रजातियों की मछलियां भी हैं, ताकि एक्वेटिक प्राणियों की श्रृंखला शीघ्र बन सके. इसके अलावा जलाशय में सांप की चार प्रजातियों के अलावा विभिन्न प्रकार के जलीय पौंधे तथा जीव जन्तु मौजूद हैं. वन्यजीवों के मूवमेंट व सुरक्षा पर नजर रखने हेतु 50 फीट ऊंचे वॉच टावर का निर्माण किया गया है. वॉच टावर से 150 एकड़ में फैले ग्रासलैंड और जलाशय का निगरानी की जाती है.
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