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कर्नाटक में 17 विधायकों के अयोग्य ठहराने के फैसले को कुंजवाल ने सराहा, कहा- मोदी ने किया लोकतंत्र पर कुठाराघात - कर्नाटक मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने चौथे कार्यकाल के लिए पद की शपथ लेने के दो दिन बाद सोमवार को विधानसभा में बहुमत साबित कर दिया. इसी के साथ, कर्नाटक में चले लंबे सियासी ड्रामे का वक्त अंत हो गया.

गोविंद सिंह कुंजवाल

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Published : Jul 29, 2019, 6:25 PM IST

हल्द्वानी: उत्तराखंड के पूर्व विधानसभा स्पीकर और जागेश्वर विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने कर्नाटक के पूर्व स्पीकर के फैसले का समर्थन किया है. केआर रमेश कुमार ने 17 विधयकों को अयोग्य घोषित किया है. कुंजवाल ने केआर रमेश कुमार के फैसले को सही ठहराया है.

बता दें कि उत्तराखंड में 10 मई 2016 को हुए फ़्लोर टेस्ट से पहले कांग्रेस से दलबदल करने वाले 9 विधायकों को तत्कालीन विधानसभा स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल ने अयोग्य घोषित किया था. उस समय उनका ये फैसला काफी चर्चाओं में था.

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गोविंद सिंह कुंजवाल ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि केंद्र सरकार कांग्रेस शासित राज्यों को टारगेट बनाकर धनबल से खरीदकर लोकतंत्र की हत्या करने का प्रयास कर रही है. उत्तराखंड के बाद कर्नाटक में यह दूसरा सबसे बड़ा लोकतंत्र पर कुठाराघात हुआ है. कुंजवाल ने कहा कि लोकतंत्र में जनता की चुनी हुई सरकारों को गिराना किसी अभिशाप से कम नहीं और यह अभिशाप केंद्र की मोदी सरकार अपने सिर ले रही है.

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गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि अपने स्वार्थों के लिए दलबदल करने वाले विधायकों को न सिर्फ अयोग्य करार देना चाहिए, बल्कि चुनाव आयोग को ऐसे स्वार्थी नेताओं के खिलाफ कानून बनाना चाहिए कि उन्हें जीवन में दोबारा चुनाव लड़ने का अवसर न मिल सके.

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