नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य में राजस्व पुलिस व्यवस्था समाप्त करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने सरकार से दस दिन के भीतर प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई एक नवम्बर की तिथि नियत की गई है.
आज सुनवाई पर राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि सरकार ने कई क्षेत्रों में रेगुलर पुलिस की व्यवस्था कर दी है और अन्य क्षेत्रों में इस व्यवस्था को लागू करने के लिए सरकार प्रयास कर रही है. 2004 में सुप्रीम कोर्ट ने भी नवीन चन्द्र बनाम राज्य सरकार केस में इस व्यवस्था को समाप्त करने की आवश्यकता समझी गई थी. जिसमें कहा गया कि राजस्व पुलिस को सिविल पुलिस की भांति ट्रेनिंग नहीं दी जाती. यही नहीं राजस्व पुलिस के पास आधुनिक साधन, कंप्यूटर ,डीएनए और रक्त परीक्षण, फोरेंसिक जांच, फिंगर प्रिंट जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं होती है. इन सुविधाओं के अभाव में अपराध की समीक्षा करने में परेशानियां होती हैं.