उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

कल से शुरू होगी गोल्ज्यू संदेश यात्रा, घोड़ाखाल में होगा समापन

उत्तराखंड के विकास के लिए पिथौरागढ़ के कुछ सामाजिक कार्यकर्ता गोल्ज्यू देवता की संदेश यात्रा निकालने जा रहे हैं. यात्रा पिथौरागढ़ के बोना गांव से शुरू होकर नैनीताल के घोड़ाखाल मंदिर में संपन्न होगी. यात्रा के दौरान लोगों से गांव के संसाधन और स्थानीय आवश्यकताओं की जानकारी ली जाएगी.

goljeu deity
गोल्ज्यू देवता

By

Published : Apr 24, 2022, 2:54 PM IST

Updated : Apr 24, 2022, 4:03 PM IST

हल्द्वानीःउत्तराखंड के विकास की अवधारणा को लेकर 25 अप्रैल से न्याय के देवता कहे जाने वाले गोल्ज्यू देवता की संदेश यात्रा (Message journey of Shri Golgyu Devta) निकाली जानी है. यह यात्रा पिथौरागढ़ जिले के बोना गांव से 2200 किलोमीटर दूरी तय कर नैनीताल के घोड़ाखाल मंदिर (Ghorakhal Temple of Nainital) पहुंचेगी. 13 दिनों की यात्रा के दौरान 26 पड़ाव पारकर और 150 गांवों के लोगों से संवाद कर स्थानीय आवश्यकता, गांव में संसाधनों की उपलब्धता व भविष्य की संभावनाओं पर एक शोध पत्र तैयार किया जाएगा.

लोग लगाते हैं अर्जीः उत्तराखंड में गोल्ज्यू देवता को न्याय का देवता कहा जाता है. मान्यता है कि अगर किसी के साथ न्याय ना हुआ तो वह गोल्ज्यू देवता के मंदिर में अर्जी लगाकर अपनी समस्या रख सकता है और गोल्ज्यू देवता उसका हल न्यायपूर्ण तरीके से करते हैं. गोल्ज्यू देवता का मूल निवास चंपावत है. वर्तमान में उनका प्रसिद्ध मंदिर अल्मोड़ा के चितई और नैनीताल के घोड़ाखाल इलाके में स्थित है.

कल से शुरू होगी गोल्ज्यू संदेश यात्रा
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड के इस मंदिर में चिठ्ठी लिखने पर पूरी हो जाती है मनोकामना, मिलता है 'न्याय'

13 दिनों की इस यात्रा के दौरान लोगों की बात जानने के लिए 22 बिंदुओं की प्रश्नावली तैयार की गई है. यात्रा से निकलकर आने वाली समस्याओं को स्थानीय प्रशासन व सरकार के स्तर से दूर कराने का प्रयास होगा. 6 मई को घोड़ाखाल में गोल्ज्यू जागर और हवन के साथ यात्रा का समापन होगा. गोल्ज्यू देवता की यात्रा कुमाऊं, गढ़वाल के 26 पड़ाव से गुजरेगी. वहां के स्थानीय निवासी गोल्ज्यू देवता की पूजा अपने रीति रिवाज से करेंगे. यात्रा की हर पड़ाव पर गोल्ज्यू देवता की पंचायत भी लगेगी.

Last Updated : Apr 24, 2022, 4:03 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details