बकरीद के लिए सजा हल्द्वानी का बाजार, हल्द्वानी: ईद-उल-अजहा (बकरीद) 29 जून को मनायी जाएगी, लेकिन उससे पहले हल्द्वानी में कुर्बानी के लिए बकरों के बाजार सज चुके हैं. बकरीद पर मुस्लिम समाज के द्वारा बकरा, भैंस, दुमबा पर कुर्बानी देने की परंपरा है. शहर की लाइन नं 8 में बकरों की मंडी शाम से ही गुलजार नजर आ रही है. लोग कुर्बानी के लिए बकरों को खरीदने के लिए बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं.
बकरे की मंडी में उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान से बकरे बेचने वाले व्यापारी पहुंचे हुए हैं. लोग अपनी सामर्थ्य के अनुसार बकरे खरीद रहे हैं. बकरा मंडी लगने से अलग-अलग नस्लों के बकरे यहां पर बिकने के लिए पहुंच चुके हैं. राजस्थान और यूपी से तमाम पशुपालक यहां अपने बकरों को लेकर मंडी पहुंचे हैं, जबकि कुमाऊं भर के लोग यहां बकरा खरीदने पहुंच रहे हैं.
पढ़ें- Bakrid 2023: बिहार का यह बकरा रोज पीता है कोल्ड ड्रिंक, 'लॉकडाउन' की कीमत जानकर हो जाएंगे हैरान...
बकरा ईद पर बकरों की बढ़ती मांग से बकरा पालकों के वारे भी न्यारे हो रहे हैं. आमतौर पर देखा जाए तो एक बकरा करीब 10 से 12 हजार में आ जाता है, लेकिन बकरा ईद त्यौहार पर इसकी कीमत इसके वजन और कद काठी के अनुरूप बढ़ जाती है. जिस पर बकरा पालकों की भी अच्छी कमाई हो जाती है. बकरा पालकों ने बताया एक बकरा-बकरी को तैयार करने के लिए लगभग एक वर्ष लगता है. हल्द्वानी बकरा मंडी में 10 हजार से लेकर ₹100,000 कीमत तक के बकरे मंडी में पहुंचे हैं. फिलहाल सुल्तान नाम के बकरे की एक लाख की कीमत लग चुकी है, जबकि इससे नीचे करीब बीस से 50 हजार तक के बकरों की ज्यादा मांग है.
बकरीद के लिए सज गया हल्द्वानी का बाजार पढ़ें- Weather Update: आज इन राज्यों में बारिश के आसार, पढ़ें अपने शहर के मौसम का हाल ख्वाजा मस्जिद के इमाम मोहम्मद दानिश का कहना है कि रमजान के पवित्र महीने की समाप्ति के लगभग 70 दिनों बाद ईद-उल-अजहा मनाया जाता है. इस्लामिक मान्यता के अनुसार हज़रत इब्राहिम अपने पुत्र हज़रत इस्माइल को इसी दिन खुदा के हुक्म पर कुर्बान करने जा रहे थे, तो अल्लाह ने उसके पुत्र को जीवनदान दे दिया जिसकी याद में यह पर्व मनाया जाता है.