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जनरल-ओबीसी कर्मचारियों की हड़ताल का असर, तहसीलों में नहीं बन रहे प्रमाण-पत्र

उत्तराखंड सरकार और जनरल ओबीसी कर्मचारी के बीच तकरार खत्म नहीं ले रहा है. पदोन्नति में आरक्षण को लेकर विरोध कर रहे कर्मचारी पिछले साढ़े तीन महीनों से हड़ताल पर है. जिसका असर अब तहसील स्तर पर हो रहे काम पर भी देखने को मिल रहा है. हड़ताल की वजह से अब तहसील में जरूरी प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे हैं.

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कर्मचारी हड़ताल का असर

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Published : Mar 13, 2020, 10:47 PM IST

हल्द्वानी: कर्मचारियों के हड़ताल का असर अब तहसीलों से बनने वाले प्रमाण पत्रों पर दिखने लगा है. करीब साढ़े तीन महीनों पदोन्नति में आरक्षण के विरोध में जनरल ओबीसी कर्मचारी हड़ताल पर है. जिसकी वजह से सभी विभाग में इसका असर देखने को मिल रहा है. कर्मचारियों के हड़ताल का सबसे ज्यादा असर प्रशासनिक कार्यों पर देखा जा रहा है.

हड़ताल का असर.

सरकारी कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने और कार्य बहिष्कार करने का असर सबसे ज्यादा तहसीलों से बनने वाले प्रणाम पत्रों पर देखा जा रहा है. प्रमाण पत्र बनाने दूर दराज के अभिभावक और आवेदक आय प्रमाण-पत्र, जाति प्रमाण-पत्र और स्थायी निवास सहित अन्य प्रमाण-पत्र बनाने के लिए तहसीलों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनका प्रमाण-पत्र नहीं बन पा रहा है. तहसीलों से बनने वाले प्रमाण-पत्रों के लिए सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली छात्र-छात्राओं को हो रही है. जिन्हें जाति प्रमाण-पत्र और स्थायी निवासी प्रमाण-पत्र की जरूरत है.

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बात अगर नैनीताल जनपद की करें तो हड़ताल के बाद से तहसीलों में बनने वाले प्रमाण पत्र के लिए 3,386 आवेदन ऑनलाइन पहुंचे हैं, लेकिन हड़ताल के चलते प्रमाण पत्र बनाने का काम ठप पड़ा है. यही नहीं कर्मचारियों के हड़ताल के चलते जमीनों को होने वाले दाखिल खारिज का काम भी बंद है. वहीं, उप जिलाधिकारी विवेक राय का कहना है कि हड़ताल का मामला शासन स्तर का है. प्रमाण पत्र बनवाने के लिए किसी को परेशान नहीं होना पड़ेगा. जिला प्रशासन आवेदकों का पूरा ध्यान में रखकर काम करेगा.

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