हल्द्वानीःगौला नदी से खनन चुगान पर संकट गहराने लगा है. यहां ज्यादा खनन होने से मिट्टी निकलने लगी है. जिसके चलते वन विभाग अगले सत्र तक नदी के कई गेटों को बंद करने पर विचार कर रहा है. वहीं, नदी के कई गेटों के बंद हो जाने से हजारों लोगों के आगे रोजी-रोटी का संकट गहराने लगा है. साथ ही सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व नुकसान होने का अनुमान है.
गौला नदी में खनन पर गहराने लगा संकट, कई गेट बंद होने की कगार पर - उत्तराखंड न्यूज
राज्य सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाली गौला नदी में खनन पर संकट गहराने लगा है. नदी के कई गेटों के बंद हो जाने से हजारों लोगों के आगे रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.
गौर हो कि राज्य सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाली गौला नदी के 11 खनन निकासी गेटों पर करीब आठ हजार वाहन खनन ढुलान में लगे हुए हैं. जबकि नदी में 20,000 से अधिक मजदूर खनन कार्य में जुटे हैं. जिससे कई लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल रहा है. मॉनसून सत्र के बाद गौला नदी से अभी तक केवल 25 लाख घन मीटर ही खनन हो पाया है, जबकि सरकार हर साल 54 लाख घन मीटर खनन कराती है. जिससे सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व मिलता है, लेकिन अब इस पर संकट गहराने लगा है.
पूर्वी तराई वन प्रभाग के प्रभारी नीतीश मणि त्रिपाठी ने जानकारी देते हुए बताया कि मॉनसून सत्र में बरसात कम होने के चलते गौला नदी में इस बार रेत, बजरी कम मात्रा में आया है. जिसके चलते नदी में खनन सामग्री की मात्रा काफी कम है. खुदाई के दौरान खनन के साथ मिट्टी भी निकल रही है. जिसके लिए नदी का सर्वे किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सर्वे के दौरान नदी से मिट्टी निकलने पर अगले सत्र तक नदी के कई गेटों को खनन निकासी के लिए बंद कर दिया जाएगा.