हल्द्वानीःहिंदुओं के पवित्र त्योहार गंगा दशहरा का पर्व बुधवार को मनाया जाएगा. ये त्योहार जेठ महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है. इस दिन दान-पुण्य और स्नान का विशेष महत्व माना जाता है. कुमाऊं क्षेत्र में भी गंगा दशहरा बड़े धूमधाम के साथ मनाई जाती है.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जेठ महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी (गंगा दशहरा) के दिन गंगा धरती पर अवतरित हुईं थीं. इसी दिन राजा भगीरथ गंगा को धरती पर लाए थे. इस दिन लोग नदियों में स्नान कर ध्यान, दान करते हैं और पुण्य कमाते हैं. ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि गंगा दशहरा के दिन मां गंगा और भगवती की आराधना करनी चाहिए. इससे इंसान के मन में सद्भावना, विचारों में स्वच्छता और कष्टों को खत्म करने की शक्ति मिलती है.
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वहीं, गंगा दशहरा के दिन कुमाऊं में लोग अपने घरों की देहली के ऊपर गंगा दशहरा की सुंदर तस्वीरें लगाते हैं. पहाड़ी क्षेत्रों में लोग अपने घरों के दरवाजों के दोनों तरफ जौ की फसल के पौधे भी लगाते हैं. जो आने वाली फसल और घर की सुख-शांति और समृद्धि के लिए काफी उपयोगी माना जाता है. साथ ही कहा जाता है कि इस दिन गंगा में डुबकी लगाने और गंगा जी के पानी से नहाने से सारे कष्ट दूर होते हैं.
गंगा दशहरा की जानकारी देते ज्योतिषाचार्य. इस विधि-विधान से मनाएं गंगा दशहरा का त्योहार-
- गंगा दशहरा दिन सुबह सूर्योदय से पहले जगना चाहिए और पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए.
- स्नान के दौरान ओम नमः शिवाय नारायणे दशहरा गंगाय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए.
- मां भगवती की आराधना करते हुए उनके धरती पर अवतरित होने का गुणगान करना चाहिए.
- स्नान और ध्यान के बाद गंगा दशहरा पर्व के पर दान-पुण्य करना चाहिए.
- इस दिन शीतलता प्रदान करने वाली वस्तुओं का दान करने का विशेष महत्व माना जाता है.
- दान में ठंडे फल, पंखा, मटका, सत्तू दान करनी चाहिए.