हल्द्वानी/रामनगर/खटीमा: कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार की गाइडलाइन को ध्यान में रखने हो गणेश महोत्सव इस बार सादगी के साथ मनाया जा रहा है. हल्द्वानी में जहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए भगवान गणेश की शोभायात्रा निकाली गई. वहीं, रामनगर में लोगों ने अपने घरों में गणपति विराजमान करते हुए बप्पा से कोरोना के विनाश की मनोकामना की. उधर, खटीमा के रामलीला मैदान स्थित मुख्य मंदिर पर सांकेतिक पूजा कर गणेश चतुर्दशी पर्व की परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है.
इस बार गणेश चतुर्थी की रौनक कोरोना संक्रमण के चलते फीकी नजर आई. हालांकि, लोगों के उत्साह में पर्व को लेकर कोई कमी देखने को नहीं है. हल्द्वानी में हर साल हल्द्वानी में कई जगहों पर गणेश महोत्सव का आयोजन किया जाता था और भव्य तरीके से शोभायात्रा भी निकाली जाती थी.
उत्तराखंड में गणेश चतुर्थी पर विराजमान हुए गणपति. हल्द्वानी में शोभायात्रा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का किया पालन
वहीं, इस इस बार प्रशासन के निर्देश के बाद श्रद्धालु छोटे पंडाल और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए गणेश महोत्सव मना रहे हैं. गणेश चतुर्थी के मौके पर हल्द्वानी में जगह-जगह शोभायात्रा निकाली गई और भगवान गणेश की मूर्ति की पंडालों और मंदिरों में स्थापना की गई.
रामनगर में लोगों ने घर पर गणपति को किया विराजमान
सनातन धर्म में गणपति का स्थान बेहद खास है. उन्हें विघ्नहर्ता के नाम से भी पुकारते हैं. 10 दिन चलने वाले इस त्योहार पर गणपति की स्थापना और उनकी पूजा पाठ का विशेष महत्व होता है. हर साल रामनगर में गणेश चतुर्थी पर बहुत धूमधाम से बहुत बड़ा आयोजन किया जाता था. लेकिन इस बार इस पर्व पर भी कोरोना का प्रभाव देखने को मिला. वहीं, आज एक व्यवसाई परिवार ने अपने घर में पूरे विधि-विधान से अपने घर पर ही विघ्नहर्ता गणपति बप्पा की मूर्ति की स्थापना की. साथ ही उन्होंने गणेश भगवान से कोरोना के अंत की प्रार्थना की.
खटीमा रामलीला मैदान में हुआ परंपरा का निर्वहन
कोरोना संक्रमण के चलते इस बार सरकार द्वारा जारी की गई कोविड-19 गाइडलाइन के कारण इस साल त्योहारों पर भीड़ इकट्ठा करने पर पाबंदी है. जिसके चलते गणेश चतुर्थी के त्यौहार पर सांकेतिक पूजा कर परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है.
इस कड़ी में खटीमा के मुख्य बाजार में स्थित मंदिर में मात्र पांच भक्तों की उपस्थिति में गणेश प्रतिमा को पूजा कर स्थापित किया गया है. वहीं, मंदिर के पुजारी के अनुसार कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार सिर्फ सांकेतिक पूजन ही मंदिर पर किया जा रहा है. साथ ही पुजारी द्वारा लोगों को अपने घरों पर रहकर की गणेश चतुर्दशी पर्व को मनाने की अपील की गई है.