हल्द्वानी:जितनी रफ्तार से जमाना हाईटेक हो रहा है, उसी तेजी से हमारे कुम्हार (Potters of Haldwani) भी अपने काम से मुंह मोड़ रहे हैं. फ्रिज ने कुम्हारों की रोटी छीन ली है. आम तौर पर मिट्टी के घड़ों का इस्तेमाल गर्मी में पानी को ठंडा करने के लिए किया जाता है, लेकिन बीते कुछ सालों में घड़ों की बिक्री पर ब्रेक लग गया है. आलम ये है कि मिट्टी के बर्तनों का कारोबार करने वाले वाले कुम्हारों की अब लागत भी नहीं निकल रही है.
बदलते परिवेश से कुम्हार का काम करने वाले कई लोग खस्ताहाल हो गए हैं. क्योंकि लोग घड़े की जगह पर फ्रिज का इस्तेमाल करने लगे हैं, जिस वजह से देसी फ्रिज कहे जाने वाले मिट्टी के घड़े की बिक्री कम ही होती है. हल्द्वानी के कुम्हार मगन लाल कहते हैं कि अब उनके कारोबार में दम नहीं रहा. आजकल प्रतिदिन से 5 से 10 घड़े ही बिक रहे हैं, जबकि 5 साल पहले तक औसतन प्रतिदिन 30 से 35 घड़े बिक जाते थे.