कालाढुंगीः स्वतंत्रता सेनानी रहे हरीश चंद्र ढौंडियाल का 95 साल की आयु में निधन हो गया है. उनके निधन के बाद कोटाबाग क्षेत्र में शोक की लहर है. उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए उनके निवास स्थान पर रखा गया है. कल चित्रशिला घाट रानीबाग में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. आजाद भारत आंदोलन में उनकी अहम भूमिका रही थी. जिसके लिए उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा था. इसके अलावा उन्होंने भूमि आंदोलन में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था.
बता दें कि कालाढूंगी विकास खंड कोटाबाग 82 स्वतंत्रता सेनानियों की जन्मभूमि और कर्मभूमि रही है. इसी कड़ी में आखिरी स्वतंत्रता सेनानी हरीश चंद्र ढौंडियाल ने मंगलावर सुबह अपने पैतृक निवास स्थान पर अंतिम सांस ली. उनके परिवार में पत्नी शकुंतला देवी (90) वर्ष और एक बेटा समेत तीन बेटियां हैं.
स्वतंत्रता सेनानी हरीश चंद्र ढौंडियाल का सफर-
दिवंगत स्वतंत्रता सेनानी हरीश चंद्र ढौंडियाल का जन्म 20 नवंबर 1924 को कोटाबाग के आवलकोट गांव में हुआ था. उनकी प्रारम्भिक शिक्षा भी कोटाबाग में हुई और उन्होंने हाईस्कूल उदयराज हिंदू इंटर कॉलेज काशीपुर से किया. जिसमें वो कुमाऊं मंडल के टॉपर भी रहे.