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Rajeev Bhartari Case: पूर्व प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी को CAT से मिली राहत, सरकार को दिए तत्काल बहाली के आदेश - केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण इलाहाबाद

उत्तराखंड के पूर्व वन प्रमुख राजीव भरतरी को केंद्रीय प्रसाशनिक न्यायाधिकरण इलाहाबाद की सर्किट बेंच (सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल) की ओर से बड़ी राहत मिली है. उनके पूर्व के ट्रांसफर के आदेश पर रोक लगाते हुए न्यायाधीश ओम प्रकाश की एकलपीठ ने उनकी उसी पद पर तत्काल बहाली के सरकार को आदेश दिए हैं.

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Published : Feb 24, 2023, 5:35 PM IST

नैनीताल: केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण इलाहाबाद की सर्किट बेंच (सेंट्रल ऐडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल) नैनीताल ने प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी को पद से हटाने और उनके स्थान पर विनोद कुमार सिंघल को नियुक्त किए जाने के मामले पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति ओम प्रकाश की एकलपीठ ने उनके स्थानांतरण आदेश पर रोक लगाते हुए सरकार से उन्हें तत्काल प्रभाव से उसी पद पर बहाल करने के आदेश दिए है.

दरअसल, उत्तराखंड सरकार ने 25 नवंबर 2021 के एक आदेश से कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध निर्माण, अवैध पेड़ कटान और घोटालों को लेकर मुख्य वन संरक्षक राजीव भरतरी को प्रशासनिक आधार पर हटा दिया था. इसके खिलाफ राजीव उच्च न्यायालय गए थे, जिसके बाद न्यायालय ने नवनियुक्त विभागाध्यक्ष की शक्तियों पर रोक लगाई थी और राजीव को सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) की नैनीताल बेंच को मामले में न्याय करने को कहा था.

जिसके बाद मामले में कैट ने 20 और 21 फरवरी को अंतिम सुनवाई कर निर्णय को 21 फरवरी 2023 को सुरक्षित रख लिया था. आज कैट के न्यायाधीश ओम प्रकाश की एकलपीठ ने फैसला सुनाते हुए भरतरी के स्थानांतरण आदेश को गलत बताया. साथ ही कैट ने सरकार को राजीव भरतरी को वापस उसी पद पर नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं.
ये भी पढ़ें:राजीव भरतरी को पद से हटाने की याचिका HC से निस्तारित, CAT में चुनौती देने का आदेश

पूर्व में उच्च न्यायालय नैनीताल की खंडपीठ ने राजीव भरतरी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उनसे कहा था कि वे इस आदेश को कैट (सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल) इलाहाबाद में चुनौती दें. कैट इस मामले की शीघ्र सुनवाई करें. उच्च न्यायलय ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि नवनियुक्त विभागाध्यक्ष कोई बड़ा निर्णय नहीं लें.

आईएफएस अधिकारी राजीव भरतरी ने कहा है कि वे राज्य के सबसे वरिष्ठ भारतीय वन सेवा के अधिकारी हैं, लेकिन सरकार ने 25 नवंबर 2021 को उनका स्थानांतरण प्रमुख वन संरक्षक पद से अध्यक्ष जैव विविधता बोर्ड के पद पर कर दिया था. जिसको उन्होंने संविधान के खिलाफ माना. इस संबंध में उन्होंने सरकार को चार प्रत्यावेदन दिए, लेकिन सरकार ने इन प्रत्यावेदनों की सुनवाई नहीं की.

राजीव भरतरी ने कहा उनका स्थानांतरण राजनीतिक कारणों से किया गया है. जिसमें उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ है. उल्लेखनीय है कि स्थानांतरण के पीछे एक मुख्य कारण कॉर्बेट नेशनल पार्क के भीतर हो रहे अवैध निर्माण और इन निर्माणों की जांच को राजीव भरतरी द्वारा प्रभावित करना भी माना जा रहा था. आरोप है कि तत्कालीन वन मंत्री एक अधिकारी के समर्थन में राजीव भरतरी को पीसीसीएफ पद और कॉर्बेट पार्क में हो रहे निर्माण कार्यों की जांच से हटाना चाहते थे.

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