नैनीताल: केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण इलाहाबाद की सर्किट बेंच (सेंट्रल ऐडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल) नैनीताल ने प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी को पद से हटाने और उनके स्थान पर विनोद कुमार सिंघल को नियुक्त किए जाने के मामले पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति ओम प्रकाश की एकलपीठ ने उनके स्थानांतरण आदेश पर रोक लगाते हुए सरकार से उन्हें तत्काल प्रभाव से उसी पद पर बहाल करने के आदेश दिए है.
दरअसल, उत्तराखंड सरकार ने 25 नवंबर 2021 के एक आदेश से कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध निर्माण, अवैध पेड़ कटान और घोटालों को लेकर मुख्य वन संरक्षक राजीव भरतरी को प्रशासनिक आधार पर हटा दिया था. इसके खिलाफ राजीव उच्च न्यायालय गए थे, जिसके बाद न्यायालय ने नवनियुक्त विभागाध्यक्ष की शक्तियों पर रोक लगाई थी और राजीव को सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) की नैनीताल बेंच को मामले में न्याय करने को कहा था.
जिसके बाद मामले में कैट ने 20 और 21 फरवरी को अंतिम सुनवाई कर निर्णय को 21 फरवरी 2023 को सुरक्षित रख लिया था. आज कैट के न्यायाधीश ओम प्रकाश की एकलपीठ ने फैसला सुनाते हुए भरतरी के स्थानांतरण आदेश को गलत बताया. साथ ही कैट ने सरकार को राजीव भरतरी को वापस उसी पद पर नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं.
ये भी पढ़ें:राजीव भरतरी को पद से हटाने की याचिका HC से निस्तारित, CAT में चुनौती देने का आदेश